प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) संजय बिस्वाल ने बुधवार को बताया कि यह बाघिन पिछली 12 अप्रैल से महेशपुर रेंज के अंतर्गत मुदा जवाहर गांव और उसके आसपास के इलाकों में दहशत का कारण बनी हुई थी। उसके हमले में एक ग्रामीण घायल हो गया था। बिस्वाल ने बताया कि अधिकारियों ने जाल का उपयोग करके बाघिन के 9 महीने के मादा शावक को भी पकड़ लिया।
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उनके मुताबिक, हालांकि एक अन्य नर शावक बच निकलने में कामयाब रहा और गश्ती दल उसे खोजने और उसकी मां से मिलाने के लिए इलाके में उसकी तलाश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछली 19 अप्रैल को राज्य के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक से इजाजत मिलने के बाद बाघिन को पकड़ने का अभियान शुरू किया गया था।
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर दया शंकर और कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के डॉक्टर दीपक के साथ वन टीमें सक्रिय रूप से क्षेत्र की तलाश का अभियान चला रही थी। डीएफओ ने कहा, आखिरकार बुधवार को एक खेत में बाघिन के मौजूद होने की जानकारी मिली और वन विभाग की टीम ने उसे बेहोश कर दिया। उसके दो शावकों में से एक को भी सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया।
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उन्होंने बताया बाघिन और शावक दोनों को रेंज मुख्यालय लाया गया और वे स्वस्थ हैं तथा बाघिन को छोड़ने के बारे में निर्णय उच्च अधिकारियों के निर्देशों के आधार पर किया जाएगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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