EPFO : दिवाली से पहले देश के करोड़ों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों के लिए पीएफ निकासी के नियमों को और सरल कर दिया है। अब कर्मचारी जरूरत पड़ने पर अपने खाते से पूरी 100% राशि निकाल सकेंगे।
यह कदम कर्मचारियों को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार का बड़ा फैसला है। आइए, आपको बताते हैं EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) के इन नए नियमों की पूरी जानकारी, ताकि आप इसका फायदा उठा सकें।
श्रम मंत्री की बैठक में बड़े फैसले
श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। इस बैठक में 7 करोड़ से ज्यादा EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) खाताधारकों के लिए कई राहत भरे सुधारों को मंजूरी दी गई। इनमें निकासी प्रक्रिया को आसान करना, ब्याज निपटान में तेजी लाना और डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देना शामिल है। ये बदलाव कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आएंगे।
13 जटिल नियमों का एक में विलय
पहले EPF खाते से पैसे निकालने के लिए कई तरह के जटिल नियम थे, जिससे कर्मचारियों को काफी परेशानी होती थी। लेकिन अब EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) ने 13 जटिल नियमों को एक ही नियम में समेट दिया है। इससे निकासी की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाएगी। निकासी की जरूरतों को अब तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है:
- जरूरी खर्चे: बीमारी, शिक्षा और विवाह जैसी जरूरतों के लिए।
- घर से जुड़ी जरूरतें: घर खरीदने या मरम्मत के लिए।
- विशेष परिस्थितियां: अन्य आपातकालीन या जरूरी खर्चे।
कितने दिन में मिलेगी निकासी की अनुमति?
EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) ने निकासी की पात्रता अवधि को भी कम कर दिया है। पहले कर्मचारियों को कई साल की नौकरी पूरी करनी पड़ती थी, लेकिन अब सिर्फ 12 महीने की नौकरी के बाद कर्मचारी अपने फंड से कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के योगदान सहित 100% राशि निकाल सकते हैं।
शिक्षा के लिए 10 बार और विवाह जैसे मौकों के लिए 5 बार निकासी की अनुमति दी गई है। यह बदलाव खासकर आपातकाल में कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
जुर्माने में राहत, शुरू हुई विश्वास योजना
EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) ने पेंडिंग मामलों और पुराने जुर्मानों को निपटाने के लिए ‘विश्वास योजना’ (Vishwas Scheme) शुरू की है। अभी करीब ₹2,406 करोड़ की जुर्माना राशि और 6,000 से ज्यादा केस लंबित हैं। अब अगर किसी कंपनी से पीएफ जमा करने में देरी होती है, तो जुर्माना घटाकर 1% प्रति माह कर दिया गया है। यह कदम कंपनियों और कर्मचारियों दोनों के लिए राहत भरा है।
डिजिटल सेवाएं हुईं और आसान
EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) अब अपने सभी कामकाज को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर और बेहतर कर रहा है। जल्द ही कर्मचारी अपने मोबाइल ऐप और ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन, निकासी और स्थिति जांच जैसे काम आसानी से कर सकेंगे। सरकार का मकसद है कि कर्मचारियों को तेज, पारदर्शी और पेपरलेस सुविधाएं मिलें, जिससे उनका समय बचे और प्रक्रिया आसान हो।
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