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चंडीगढ़ में कश्मीरी छात्रों पर क्रूर हमला, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

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चंडीगढ़ के डेराबस्सी में स्थित यूनिवर्सल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में कश्मीरी छात्रों पर हुए क्रूर हमले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। यह घटना 24 अप्रैल 2025 की रात को हुई, जब कुछ बाहरी लोग और अन्य छात्रों ने हॉस्टल में जबरन घुसकर कश्मीरी छात्रों पर हमला किया। तेजधार हथियारों से लैस हमलावरों ने न केवल छात्रों के कपड़े फाड़े, बल्कि उन्हें गंभीर चोटें भी पहुंचाईं। इस हमले ने न केवल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि कश्मीरी छात्रों के बीच डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। आइए, इस लेख में हम इस घटना, इसके प्रभाव और जरूरी कदमों को समझते हैं।

हमले का भयावह मंजर

जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (JKSA) के अनुसार, रात के समय यूनिवर्सल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के हॉस्टल में कुछ स्थानीय लोग और अन्य छात्रों ने जबरदस्ती प्रवेश किया। हमलावरों ने कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाया, उनके साथ मारपीट की और उनके कपड़े फाड़ दिए। एक छात्र को इस हमले में गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा। इस घटना की सबसे दुखद बात यह रही कि कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह निष्क्रिय रही। न तो सुरक्षाकर्मियों ने हमलावरों को रोका, न ही छात्रों की मदद की। पंजाब पुलिस को भी समय पर सूचना दी गई, लेकिन उनकी ओर से कोई त्वरित कार्रवाई नहीं हुई। यह लापरवाही हमलावरों को और बेखौफ बना गई।

कश्मीरी छात्रों में डर का माहौल

यूनिवर्सल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 100 से अधिक कश्मीरी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जो अब भय और असुरक्षा के साये में जी रहे हैं। यह हमला हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीरी छात्रों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की एक कड़ी माना जा रहा है। JKSA के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने बताया कि यह सातवीं ऐसी घटना है, जहां कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाया गया। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में कश्मीरी छात्रों पर हमले और धमकियां बढ़ रही हैं। इस घटना ने न केवल छात्रों के मनोबल को तोड़ा है, बल्कि उनके परिवारों को भी चिंता में डाल दिया है।

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