केंद्र सरकार के 1.2 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खबर है! सातवें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते (DA) में आखिरी बढ़ोतरी का ऐलान होने वाला है। पिछली बार DA में केवल 2% की बढ़ोतरी हुई थी, जिसके बाद यह 55% तक पहुंच गया था। अब खबर है कि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत (DR) 3% और बढ़कर 58% हो सकता है। यह सातवें वेतन आयोग की आखिरी बढ़ोतरी मानी जा रही है, क्योंकि जनवरी 2026 से आठवां वेतन आयोग लागू होने की संभावना है। इस दौरान जुलाई से दिसंबर तक का DA नए वेतनमान में मिल जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि यह छठे वेतन आयोग से कम क्यों रहने वाला है? आइए, इसे समझते हैं।
छठे वेतन आयोग से आधा DAअगर हम पिछले वेतन आयोगों से तुलना करें, तो सातवें वेतन आयोग में DA की बढ़ोतरी काफी कम है। छठे वेतन आयोग (2006-2015) के दौरान जुलाई 2015 तक DA 119% तक पहुंच गया था। वहीं, सातवें वेतन आयोग (2016-2025) में DA सिर्फ 58% तक ही पहुंचेगा। यानी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के मुकाबले आधे से भी कम DA मिलेगा। यह अंतर कर्मचारियों के लिए निराशाजनक हो सकता है, क्योंकि महंगाई के इस दौर में DA उनकी आर्थिक मदद का बड़ा साधन है।
पांचवें वेतन आयोग के नियम थे अलगपांचवें वेतन आयोग (1996-2005) के समय DA के नियम कुछ अलग थे। उस समय जब DA 50% से ज्यादा हो जाता था, तो उसे मूल वेतन में जोड़ दिया जाता था। इसकी वजह से कर्मचारियों को आयोग के अंत में 41% DA के साथ भी ज्यादा फायदा मिलता था। लेकिन सातवें वेतन आयोग में ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसके चलते कर्मचारियों को कम लाभ मिल रहा है।
कैसे तय होता है DA?महंगाई भत्ते की गणना हर छह महीने में होती है, यानी जनवरी और जुलाई में। यह गणना ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI-IW) के आधार पर की जाती है। जुलाई 2024 से जून 2025 के बीच औसत सूचकांक 143.6 रहा, जिसके आधार पर नया DA 58% होने का अनुमान है। यह गणना कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की महंगाई से निपटने में मदद करती है, लेकिन इस बार बढ़ोतरी उम्मीद से कम है।
आठवां वेतन आयोग: अभी इंतजारसातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, आठवां वेतन आयोग 2026 में बनना चाहिए। लेकिन अभी तक न तो इसके लिए कोई शर्तें तय हुई हैं और न ही अध्यक्ष या सदस्यों की नियुक्ति हुई है। किसी भी वेतन आयोग को काम शुरू करने में 18 से 24 महीने लगते हैं, ऐसे में 2027 से पहले नई सिफारिशें लागू होना मुश्किल है। कर्मचारियों को अब नए आयोग की उम्मीद में इंतजार करना होगा।
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