जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने एक ऐसा सवाल उठाया है, जो हर किसी के दिमाग में गूंज रहा है। आखिर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखने में क्या गलत है? यह सवाल अब सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक चर्चा का विषय बन गया है।
उमर अब्दुल्लाह ने उठाई आवाजउमर अब्दुल्लाह ने अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि ‘आई लव मोहम्मद’ जैसे तीन शब्द लिखने पर कोई गिरफ्तारी कैसे कर सकता है? कोई तो बहुत दिमागी तौर पर बीमार होगा, जो इन शब्दों पर केस दर्ज करे। अगर इसे किसी धर्म से जोड़ा भी जाए, तो इसमें गलत क्या है?” उमर ने मांग की है कि कोर्ट को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि सच सामने आए।
महबूबा मुफ्ती ने भी लगाई फटकारजम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जब कुछ लोग जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ बुलवाते हैं, तो वह अपराध नहीं माना जाता, लेकिन ‘आई लव मोहम्मद’ कहना गुनाह कैसे हो गया? इन लोगों को हिंदू-मुस्लिम की सियासत से ही वोट मिलते हैं, वरना इन्हें वोट चुराने की जरूरत ही नहीं पड़ती।” महबूबा ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और समाज में बढ़ती नफरत पर सवाल उठाए।
कानपुर में शुरू हुआ विवादयह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ, जहां बारावफात (ईद मिलाद-उन-नबी) के मौके पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा एक बैनर विवाद का कारण बन गया। इस बैनर को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। इस घटना ने न सिर्फ कानपुर, बल्कि देश के कई शहरों में हलचल मचा दी। मुस्लिम समुदाय ने कई जगहों पर प्रदर्शन किए और इस कार्रवाई को गलत बताया।
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