मुंबई ,20 अगस्त (Udaipur Kiran) । उर्वरक विक्रेताओं के लिए अब उर्वरक विक्रय करते समय पुरानी प्रणाली के स्थान पर नई एल-1 विक्रय प्रणाली का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय उर्वरक विभाग के निर्देशानुसार, भारतीय आधार प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित यह नई प्रणाली उर्वरक वितरण हेतु आवश्यक है।
जिला परिषद के कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी उर्वरक विक्रेताओं के लिए 20 अगस्त 2025 तक नई एल-1 विक्रय प्रणाली प्राप्त करना और उसे क्रियान्वित करना अनिवार्य है। इस समय-सीमा के पश्चात, पुरानी प्रणाली के माध्यम से उर्वरक विक्रय बंद कर दिया जाएगा और सभी उर्वरक केवल एल-1 विक्रय प्रणाली के माध्यम से ही वितरित किए जाएँगे।
ठाणे जिले में कुल 153 नई एल-1 मशीनें क्रियान्वित की गई हैं, जिनके लिए आरसीएफ कंपनी को नियुक्त किया गया है। कंपनी द्वारा उर्वरक विक्रेताओं को ये मशीनें निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएँगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहन घुगे के मार्गदर्शन में इस प्रणाली के कार्यान्वयन में तेज़ी लाई गई है। इस निर्णय से उर्वरक वितरण प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और अनुशासन आएगा और किसानों को समय पर उर्वरक प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
कृषि विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उर्वरक विक्रेता 20 अगस्त से पहले नई एल-1 प्रणाली लागू नहीं करते हैं, तो वे अपनी दुकानों से उर्वरक नहीं बेच पाएँगे।
अधिक जानकारी के लिए संबंधित तहकसील कृषि अधिकारी, पंचायत समिति कृषि अधिकारी या जिला परिषद, ठाणे के कृषि विभाग से संपर्क करें। जिला परिषद के कृषि विकास अधिकारी मुनीर बचोटिकर ने अपील की है।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
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