-ग्राम चौकीदारों की पुलिस या होमगार्ड के समान वेतन की मांग खारिज
प्रयागराज, 28 मई . इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्राम चौकीदारों को पुलिस या होमगार्ड के बराबर वेतन देने की मांग खारिज करते हुए कहा है कि चौकीदारों को ‘पुलिस बल की तीसरी आंख’ माना जा सकता है, लेकिन सेवा शर्तों के अनुसार वे समान वेतन के हकदार नहीं हैं.
कोर्ट ने कहा कि वेतन और सेवा शर्तों में बदलाव सरकार का विषय है. जब तक पारिश्रमिक साफ तौर पर मनमाना, भेदभावपूर्ण या बेगार जैसा न हो, तब तक न्यायालय हस्तक्षेप नहीं करेगा. यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की एकलपीठ ने आगरा जिले के लवकुश तिवारी समेत 1486 ग्राम चौकीदारों की याचिका पर दिया गया है.
याचिका में ग्राम चौकीदारों की 1987 से सेवा में होने और मात्र 2500 रुपये मासिक मानदेय मिलने को अनुच्छेद 14 व 21 का उल्लंघन बताते हुए पुलिस के समान वेतन की मांग की थी. उनका कहना था कि वे भी पुलिस की तरह ही कार्य करते हैं, इसलिए समान वेतन के पात्र हैं.
सरकारी वकील ने बताया कि चौकीदारों से महीने में दो दिन कार्य लिया जाता है और उन्हें अन्य कार्य करने की स्वतंत्रता है. इसलिए उनका काम पुलिस के समान नहीं है. समान वेतन की मांग उचित नहीं है. कोर्ट ने सरकार को सुझाव दिया कि वह बदले समय में चौकीदारों की भूमिका पर पुनर्विचार करे और इसे अधिक प्रभावी बनाए.
—————
/ रामानंद पांडे
You may also like
job news 2025: एसबीआई में इन पदों के लिए आवेदन करने की आज हैं अंतिम तिथि, आपके हाथ में हैं अभी भी मौका
IPL 2025: युजवेंद्र चहल आज अपने नाम दर्ज करवा सकते हैं ये बड़ा रिकॉर्ड, बस लेने होंगे तीन विकेट
तेज प्रताप यादव-ऐश्वर्या राय तलाक मामले की टली सुनवाई, अब 21 जून को होगी अगली सुनवाई
शहबाज सरकार पर नहीं रहा रत्ती भर भी भरोसा... CPEC की खातिर बलूचों से सीधी बातचीत करेगा चीन, पाकिस्तानी संप्रभुता ताक पर
10वीं का रिजल्ट आने के बाद Kota में एक और सुसाइड! छात्र ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, फिर सवालों के घेरे में शिक्षा व्यवस्था