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जबलपुर: बीएससी सेकेंड ईयर परीक्षा में सवाल पूछा- 'रानी दुर्गावती का मकबरा कहां है? विरोध हुआ तो विश्वविद्यालय ने मानी गलती

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जबलपुर, 5 मई . जबलपुर का रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों के घेरे में है. कभी रिजल्ट तो कभी एग्जाम सेंटर को लेकर सुर्खियों में रहने वाले इस विश्वविद्यालय का एक और कारनामा सामने आया है. यहां तीन मई को बीएससी सेकेंड ईयर के फाउंडेशन कोर्स के एग्जाम में रानी दुर्गावती के समाधि स्थल को मकबरा बता दिया गया. प्रश्नपत्र में पूछा गया कि रानी दुर्गावती का मकबरा कहां पर है? पेपर में इस तरह का सवाल पूछे जाने से लोगों में आक्रोश है. एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन को चेतावनी दी है कि अगर जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई और उन्होंने माफी नहीं मांगी तो प्रदर्शन किया जाएगा. दूसरी ओर, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि पता कर रहे हैं कि इस तरह की गलती कैसे हुई?

दरअसल, हाल ही में यूनिवर्सिटी ने बीएससी सेकंड ईयर की परीक्षा आयोजित की थी. जिसमें फाउंडेशन कोर्स के एग्जाम के दौरान 42वें नंबर के प्रश्न में आपत्तिजनक सवाल पूछा गया कि ‘रानी दुर्गावती का मकबरा कहां बना है?’ प्रश्न संख्या 42 में 4 विकल्प दिए गए थे. पहला विकल्प (a) बरेला, दूसरा (b) बम्हानी, तीसरा (c) चौथा चारगुंवा और चौथा (d) डंडई दिया गया था. सही उत्तर बरेला है, जहां वास्तविक रूप में रानी दुर्गावती की समाधि है, लेकिन सवाल में ‘समाधि’ की जगह ‘मकबरा’ लिखे जाने से बवाल मच गया है. विश्वविद्यालय की गलतियां यहीं नहीं रुकी बल्कि समाधि स्थलों के नाम भी गलत लिखे गए थे. जिसमें, बम्हनी को नम्हानी, चरगंवा को चारगुंवा लिखा गया था. प्रश्न में समाधि स्थल की जगह मकबरा लिखा होने से छात्र कन्फ्यूज हो गए. हिंदी ही नहीं अंग्रेजी शब्द में भी गलती हुई है. जब यह अन्य संगठनों को जानकारी लगी तो साेमवार काे विश्वविद्यालय में आपत्ति दर्ज करवाइ गई.

एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सचिन रजक ने कहा कि यूनिवर्सिटी लेवल के एग्जाम में ऐसा प्रश्न पूछे जाने से स्टूडेंट्स, सामाजिक संगठन और इतिहास प्रेमी नाराज हैं. उनका कहना है कि वीरता और बलिदान की प्रतीक रानी दुर्गावती को ‘मकबरे’ से जोड़ना न केवल ऐतिहासिक अज्ञानता को दर्शाता है, बल्कि यह मातृ शक्ति और जन आस्था का भी अपमान है. जिस वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर विश्वविद्यालय बना है उनका इतिहास ही यहां के पेपर बनाने वाले शिक्षकाें काे नहीं पता है. ऐसे शिक्षकाें के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हाेनी चाहिए और वे सार्वजनिक माफी मांगे. विश्वविद्यालय प्रशासन की लगातार लापरवाहियां सामने आ रही है.

वहीं दूसरी तरफ परीक्षा नियंत्रक प्राे रश्मि टंडन ने इस पूरे मामले पर कहा कि रानी दुर्गावती से जुड़े प्रश्न में ‘मकबरा’ शब्द का उपयोग करना बहुत ही गलत है. हम सभी को पता है कि रानी दुर्गावती का समाधि स्थल है, न कि मकबरा. फिर भी इस तरह की गलती हुई है. पेपर सेट करने वाले शिक्षक से जानकारी ली जाएगी कि आखिर कैसे इतनी बड़ी गलती हाे गई. उनके खिलाफ कार्रवाई भी हाेगी. इस संबंध में हमें स्टूडेंट्स से काेई जानकारी नहीं मिली थी.

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/ नेहा पांडे

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