मीरजापुर, 01 मई . बारिश के साथ आई हरियाली के बीच एक अनदेखा खतरा भी रेंगता है— सांप. लेकिन अब समय डरने का नहीं, जागरूकता को हथियार बनाने का है. जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने लोगों से अपील की है कि सर्पदंश को गंभीरता से लें, लेकिन घबराएं नहीं. प्राथमिक उपचार और सही जानकारी से इससे होने वाली मृत्यु को रोका जा सकता है.
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सर्पदंश को आपदा की श्रेणी में शामिल किया है, जिससे इसके उपचार और बचाव में प्रशासन की भूमिका और सक्रिय हो गई है. बारिश के मौसम में सांपों का निकलना आम है, लेकिन सावधानी और समझदारी से बड़ा नुकसान टाला जा सकता है.
बचाव ही सबसे बेहतर उपाय
जिलाधिकारी ने कहा कि जागरूकता फैलाकर हम सर्पदंश से होने वाली अनावश्यक मौतों को रोक सकते हैं. तो इस बारिश, ज्ञान को बनाएं अपनी ढाल, और रखें खुद को व दूसरों को सुरक्षित.
जरूरी हैं ये 5 कदम
1. धैर्य रखें. 80-90% सांप विषहीन होते हैं.
2. तंग चीजें हटाएं. अंगूठी, घड़ी या टाइट कपड़े तुरंत हटा दें.
3. अंग को स्थिर रखें. जितना कम हिलेगा, जहर उतना ही धीरे फैलेगा.
4. घाव की सफाई करें. साबुन-पानी से धोएं लेकिन न छेड़ें.
5. जल्दी अस्पताल पहुंचें. इलाज में देर न करें.
ये भूल न करें
– सर्प को पकड़ने या मारने की कोशिश न करें.
– काटे गए स्थान को न चीरें, न ही विष चूसें.
– तंत्र-मंत्र या झाड़-फूंक में समय न गवाएं.
/ गिरजा शंकर मिश्रा
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