रांची, 26 अप्रैल (हि .स.). मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में स्पेन और स्वीडेन के दौरे पर गये प्रतिनिधिमंडल ने निवेशकों को खनन क्षेत्र में विशेषकर खनिज उपकरण निर्माण और खनिज ब्लॉक की नीलामी में निवेश का न्योता दिया. खान सचिव अरवा राजकमल और खान निदेशक राहुल कुमार सिन्हा ने निवेशकों के समक्ष पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी.
प्रतिनिधिमंडल में गए अधिकारियों के माध्यम से बताया गया कि झारखंड राज्य देश के उन राज्यों में से एक है, जो प्राकृतिक खनिज संपदा से समृद्ध है. यह राज्य भारत के कुल खनिज संसाधनों का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा समेटे हुए है. झारखंड खनिज उत्पादन के क्षेत्र में देश में पांचवें स्थान पर है और इसकी खनिज संपदा भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करती है. राज्य कोयला, लोहा, तांबा, बॉक्साइट, चूना पत्थर, डोलोमाइट, क्वार्ट्जाइट, मैंगनीज, यूरेनियम, चाइना क्ले, ग्रेफाइट, सोपस्टोन, फायर क्ले, फॉस्फोराइट, एपेटाइट, क्वार्ट्ज, फेल्ड्सपार, सोना और पाइरोक्सीनाइट जैसे अनेकों बहुमूल्य खनिजों से परिपूर्ण है. झारखंड को कोकिंग कोल का एकमात्र उत्पादक होने का गौरव प्राप्त है. इसके अलावा राज्य देश में कोयला भंडार में दूसरा, लौह अयस्क में दूसरा, तांबा अयस्क में तीसरा और बॉक्साइट में सातवां स्थान रखता है. इन सभी तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि झारखंड देश के खनिज मानचित्र में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
झारखंड के विभिन्न प्रमंडलों में खनिज संसाधनों का व्यापक वितरण है. राज्य के कई जिलों में खनिजों का व्यापक भंडार मौजूद है, जिससे राज्य को न केवल खनिज उत्पादन में बढ़त मिलती है, बल्कि उद्योगों के लिए भी बड़े अवसर उपलब्ध होते हैं.
अधिकारियों ने जानकारी दी कि खनन क्षेत्र के विकास के साथ खनन उपकरण निर्माण में भी झारखंड में अपार संभावनाएं हैं. ड्रिलिंग रिग, आर्टिकुलेटिंग ट्रक, बुलडोजर, ड्रैगलाइन, ड्रिल मशीन, हॉल ट्रक, लोडर, मोटर ग्रेडर और एक्सकेवेटर जैसे खनन अन्वेषण वाहनों और उपकरणों का निर्माण एक बड़ा उद्योग क्षेत्र बन सकता है.
इसके अलावा, खनिज प्रसंस्करण एवं शुद्धिकरण उपकरण जैसे कि ग्राइंडिंग इक्विपमेंट, मैग्नेटिक सेपरेटर, थिकनर, क्लैरिफायर आदि के निर्माण में भी निवेश के सुनहरे अवसर हैं. वाहन उपकरणों के निर्माण के साथ-साथ परिवहन साधनों जैसे कि बेल्ट कन्वेयर, मोटर स्क्रैपर सहित के निर्माण में भी अपार संभावनाएं मौजूद हैं.
निवेशकों को बताया गया कि झारखंड एशिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल निर्माण क्लस्टरों में से एक है. राज्य की सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए कई आकर्षक प्रोत्साहन योजनाएं लागू की हैं. बड़ी परियोजनाओं और एमएसएमई के लिए विशेष रियायतें दी जा रही हैं. ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने झारखंड इंटीग्रेटेड माइंस एंड मिनरल्स मैनेजमेंट सिस्टम’ (जिम्स) लागू किया है, जिससे खनन कार्यों का डिजिटलीकरण और पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है.
राज्य सरकार खनिज ब्लॉकों की नीलामी के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित कर रही है. खनिज अन्वेषण में भी अनेक तैयार अवसर मौजूद हैं.
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/ विकाश कुमार पांडे
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