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कितने बजे होगी अहोई अष्टमी की पूजा ? यहाँ शहर के अनुसार जाने पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और सामग्री

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अहोई अष्टमी का व्रत मुख्य रूप से संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और विधि-विधान से अहोई माता की पूजा करती हैं। करवा चौथ की तरह, अहोई अष्टमी पर भी कठोर व्रत रखा जाता है। यह व्रत आकाश में तारों को देखने के बाद ही तोड़ा जाता है। कुछ महिलाएं चंद्रमा को देखने के बाद अपना व्रत तोड़ती हैं। आइए आपको अहोई अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त बताते हैं।

अहोई अष्टमी पूजा विधि
अहोई अष्टमी की पूजा करने के लिए, दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाएँ या कोई बना-बनाया चित्र लगाएँ।
साथ ही, सप्त ऋषियों के चित्र भी बनाएँ।
मिट्टी, गेरू या रंग से दीवार पर एक अष्टकोण बनाएँ और फिर अहोई माता, सेई और सेई के सात बच्चों के चित्र बनाएँ।

पूजा स्थल पर जल से भरा एक पात्र, अगरबत्ती, फूल, दूध, रोली, चावल, एक दीपक, मिठाई और गेहूँ के दाने रखें।
अहोई माता को पुष्प अर्पित करें।


अहोई माता व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
फिर शाम को तारों को अर्घ्य दें।

इसके बाद अपना व्रत खोलें।

शहर का नाम अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त 2025
नई दिल्ली  05:53 पी एम से 07:08 पी एम
नोएडा 05:53 पी एम से 07:08 पी एम
लखनऊ 05:40 पी एम से 06:54 पी एम
कानपुर  05:42 पी एम से 06:57 पी एम
चंडीगढ़  05:54 पी एम से 07:09 पी एम
पटना 05:24 पी एम से 06:38 पी एम
जम्मू  06:00 पी एम से 07:15 पी एम
देहरादून  05:49 पी एम से 07:04 पी एम
शिमला  05:52 पी एम से 07:07 पी एम
जयपुर  06:00 पी एम से 07:15 पी एम
मुंबई  06:17 पी एम से 07:31 पी एम
रांची 05:25 पी एम से 06:39 पी एम
कोटा  06:01 पी एम से 07:16 पी एम
बेंगलूरु 06:02 पी एम से 07:15 पी एम
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