राजस्थान सरकार ने मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की लगातार मांगों को ध्यान में रखते हुए नई और लग्जरी SUVs की खरीद के लिए हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कुल 41 नई गाड़ियों की खरीद को मंजूरी दी है, जिन पर अनुमानित रूप से 14 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, इन गाड़ियों में से 35 की खरीद प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। सभी वाहन ऑटोमैटिक होंगे, जिससे मंत्रियों और अधिकारियों को लंबी यात्रा में अधिक सुविधा और आराम मिलेगा।
बाजार में इन SUVs की कीमत लगभग 55 लाख रुपए प्रति वाहन है, लेकिन सरकारी टैक्स में छूट के बाद यह राशि घटकर लगभग 35 से 45 लाख रुपए प्रति वाहन हो जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि वाहन चयन में सुरक्षा, विश्वसनीयता और आराम को प्राथमिकता दी गई है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, पुराने वाहनों की बढ़ती मेंटेनेंस लागत और तकनीकी सीमाओं को देखते हुए नई SUVs खरीदना आवश्यक था। इससे न केवल सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की सुविधाओं में भी सुधार होगा।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम कुछ हद तक सवालों और आलोचना को भी जन्म दे सकता है, खासकर तब जब राज्य में विकास और आम जनता के मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। वहीं, सरकार का तर्क है कि यह निर्णय कार्यकुशलता और सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है।
नागरिक संगठनों और विपक्षी दलों ने इस योजना पर सवाल उठाए हैं, लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सभी वाहन खरीद सरकारी नियमों और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत की जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऑटोमैटिक वाहन होने से ड्राइविंग आसान होगी और लंबी यात्राओं में थकान कम होगी। इसके अलावा, नई SUVs की खरीद से स्थानीय निर्माण और डीलर नेटवर्क को भी आर्थिक रूप से फायदा मिलेगा।
सरकार का यह निर्णय राज्य में सुरक्षा, सुविधा और आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि नई SUVs से यात्राओं की गुणवत्ता बेहतर होगी और प्रशासनिक कार्यों में सुविधा बढ़ेगी।
राजस्थान सरकार की इस पहल से यह भी संकेत मिलता है कि सुरक्षा और सुविधा के मुद्दों पर सरकार गंभीर है, हालांकि इसके लिए खर्च को लेकर सार्वजनिक चर्चा जारी रहेगी।
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