इंटरनेट डेस्क। श्राद्ध पक्ष रविवार को समाप्त हो जाएंगे, यानी के इस दिन सर्व पितृ अमावस्य हैं, विशेषकर इस दिन उन सभी परिवार के मृतकों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि पर हुई हो। लेकिन यदि कोई संपूर्ण तिथि का श्राद्ध किसी कारण न कर पाया हो या गलती से कोई श्राद्ध छूट गया हो तो उसे अमावस्या का श्राद्ध जरूर करना चाहिए। कहते हैं इस तिथि पर श्राद्ध करने से सभी पितरों की आत्माएं तृप्त हो जाती हैं। तो जानिए इस साल पितृ अमावस्या कब पड़ रही है।
पितृ अमावस्या कब है 2025
अमावस्या श्राद्ध - 21 सितम्बर 2025, रविवार
कुतुप मूहूर्त - 11.50 ए एम से 12.38 पी एम
रौहिण मूहूर्त - 12.38 पी एम से 01.27 पी एम
अपराह्न काल - 01.27 पी एम से 03.53 पी एम
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 21, 2025 को 12.16 ए एम बजे
अमावस्या तिथि समाप्त - सितम्बर 22, 2025 को 01.23 ए एम बजे
इस दिन श्राद्ध क्यों करना चाहिए?
इसे महालय समापन या महालय विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है। सर्व पितृ अमावस्या पर अपने पितरों का श्राद्ध करना बहुत जरूरी होता है। कहते हैं इससे आपके पूर्वज आपसे प्रसन्न रहते हैं और आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। कहते हैं इस दिन श्राद्ध करने से सभी पितरों की आत्माएं तृप्त हो जाती हैं।
pc- amar ujala
You may also like
ऑपरेशन 'व्हाइट बॉल' : पाकिस्तान के खिलाफ जीत के लिए भारत को 172 रन का लक्ष्य
बिहार: पटना में बोले कन्हैया कुमार, बेरोजगारी और निराशा की मार झेल रहे युवा
जीएसटी की कम दरों से लोगों को होगा फायदा, अर्थव्यवस्था होगी मजबूत: ओपी चौधरी
H-1B वीजा को लेकर 3 प्वाइंट्स में समझें ये जरूरी बातें, दूर हो जाएंगी वर्कर्स की सारी कंफ्यूजन
लिटन दास ने शाकिब अल हसन को पछाड़ बड़ी उपलब्धि अपने नाम की