'मेक इन इंडिया' (Make in India) अभियान अब सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक हकीकत बन चुका है, और इस हकीकत को जमीन पर उतारने में दक्षिण कोरियाई टेक्नोलॉजी दिग्गज सैमसंग (Samsung) एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है। केंद्रीय आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में एक ऐसा खुलासा किया है जो भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत और विनिर्माण क्षमता (Manufacturing Capability) की कहानी बयां करता है। उन्होंने बताया कि सैमसंग अब भारत को सिर्फ एक असेंबली हब के तौर पर नहीं देख रहा, बल्कि इसे एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) केंद्र के रूप में विकसित कर रहा है।यह खबर न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बूस्टर डोज़ है, बल्कि यह उन लाखों युवाओं के लिए भी उम्मीद की किरण है जो देश में हाई-स्किल नौकरियों की तलाश में हैं। चलिए विस्तार से समझते हैं कि सैमसंग का यह 'मास्टरप्लान' क्या है और भारत के लिए इसके क्या मायने हैं।सिर्फ 'मेक इन इंडिया' नहीं, अब 'डिजाइन इन इंडिया' पर भी फोकसकेंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जो सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण बात बताई, वह सैमसंग के रिसर्च और डेवलपमेंट यानी R&D विंग से जुड़ी थी। उन्होंने बताया कि सैमसंग के भारतीय अनुसंधान और विकास केंद्र में आज 7,000 से भी ज़्यादा इंजीनियर काम कर रहे हैं।यह आंकड़ा सुनने में भले ही सामान्य लगे, लेकिन इसके मायने बहुत गहरे हैं। इसका मतलब है कि अब भारत में सैमसंग के प्रोडक्ट्स सिर्फ बनाए (असेंबल) ही नहीं जाएंगे, बल्कि उन्हें यहीं पर डिजाइन और विकसित भी किया जाएगा। यह 'मेक इन इंडिया' से 'डिजाइन इन इंडिया' की ओर एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। भारत के इंजीनियर अब सैमसंग के ग्लोबल प्रोडक्ट्स, सॉफ्टवेयर, AI फीचर्स और 5G/6G टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं। यह भारत को सस्ते श्रम वाले देश की छवि से निकालकर एक 'इनोवेशन हब' के रूप में स्थापित करता है।अपने मैन्युफैक्चरिंग पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है सैमसंगअश्विनी वैष्णव ने यह भी स्पष्ट किया कि सैमसंग भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग पोर्टफोलियो का लगातार विस्तार कर रहा है। यह सिर्फ मोबाइल फोन बनाने तक सीमित नहीं है।क्यों है भारत सैमसंग की पहली पसंद? (सरकारी नीतियों का कमाल)आखिर सैमसंग जैसी ग्लोबल कंपनी भारत पर इतना बड़ा दांव क्यों लगा रही है? इसके पीछे केंद्र सरकार की दूरदर्शी नीतियों का बहुत बड़ा हाथ है।इस विस्तार का भारत पर क्या होगा असर?कुल मिलाकर, सैमसंग का यह कदम 'न्यू इंडिया' की उस कहानी को और मजबूत करता है जहां दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत को न केवल एक बाजार, बल्कि एक महत्वपूर्ण वैश्विक विनिर्माण और नवाचार भागीदार के रूप में देख रही हैं।
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