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गर्मियों में प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डालती हैं ये 3 आदतें, नहीं सुधरे तो पिता बनने की ख्वाहिश रह जाएगी अधूरी

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गर्मियों में पड़ने वाली धूप न सिर्फ त्वचा पर टैनिंग या हीट स्ट्रोक का कारण बनती है, बल्कि यह आपकी प्रजनन क्षमता यानी प्रजनन क्षमता पर भी गहरा असर डाल सकती है। विशेषकर पुरुषों के लिए यह मौसम एक ‘मूक खतरे’ के रूप में आता है, जो उनकी शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या को तुरंत प्रभावित करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मियों के दौरान हम कुछ सामान्य आदतों की अनदेखी कर देते हैं, जिससे पिता बनने की संभावना धीरे-धीरे कम हो सकती है।

मौसम का बढ़ता तापमान और उससे जुड़ी जीवनशैली संबंधी गलतियां शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकती हैं। कई अध्ययनों से यह भी पता चला है कि पुरुष प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव गर्मियों के दौरान अधिक होता है। इसलिए यदि आप परिवार की योजना बना रहे हैं, तो इन तीन आदतों पर तुरंत ध्यान देना शुरू कर दें।

1. तंग अंडरवियर और सिंथेटिक कपड़े पहनना।
गर्मियों में पसीने और गर्मी के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है और यदि आप टाइट या सिंथेटिक अंडरवियर पहनते हैं, तो इससे अंडकोष का तापमान और बढ़ सकता है। यह शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित करता है, जिससे शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता दोनों में कमी आ सकती है। विशेषज्ञ इस मौसम में सूती और ढीले कपड़े पहनने की सलाह देते हैं।

2. बहुत गर्म पानी से नहाना।
गर्मियों में भी कुछ लोग आराम के लिए गर्म पानी से स्नान या भाप स्नान करते हैं। लेकिन इससे अंडकोष का तापमान बढ़ जाता है, जिससे शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है। प्रजनन विशेषज्ञों का मानना है कि गर्मियों में गुनगुने या ठंडे पानी से नहाना बेहतर होता है।

3. कम पानी पीना और निर्जलीकरण
निर्जलीकरण से न केवल शरीर कमजोर होता है, बल्कि शुक्राणु की मात्रा और गति पर भी असर पड़ता है। पर्याप्त पानी न पीने से शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं, जो प्रजनन क्षमता में बाधा डालते हैं। गर्मियों में हर दिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना बहुत जरूरी है।

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