इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीजफायर पर बातचीत जारी होने के बावजूद तनाव बढ़ता जा रहा है। तुर्की में सीजफायर पर दूसरे दौर की वार्ता के दौरान पाकिस्तान ने सख्ती से अपनी बात रखी है और तालिबान को धमकाने की कोशिश की है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में टीटीपी को पनाह मिलने की सूरत में सीजफायर तोड़ने और फिर से हमले करने की चेतावनी दी है। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान भी पाकिस्तान के सामने झुकता नहीं दिख रहा है। इससे दोनों मुल्कों में तनातनी बढ़ती जा रही है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान ने दूसरे दौर की वार्ता के दौरान इंताबुल में अफगान तालिबान शासन के सामने अपना रुख साफ किया है। पाकिस्तानी पक्ष ने कहा है कि सीमा पार हमलों और आतंकवाद के संरक्षण को वह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसी किसी भी गतिविधियों को 'अस्वीकार्य' माना जाएगा।
वार्ता में टकराव!अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तुर्की और कतर की मध्यस्थता में वार्ता हो रही है। कतर के बाद तुर्की में दोनों पक्षों ने वार्ता की है। कतर में दोनों पक्ष सीजफायर पर राजी हुए थे लेकिन तुर्क में चीजें अच्छी नहीं रही। इस्लामाबाद ने सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए काबुल से ठोस कदमउठाने की मांग इस तनाव की वजह बनी है।
एक सुरक्षा सूत्र के मुताबिक,तालिबान की ओर से पेश किए गए तर्क को पाक डेलीगेशन ने भरोसेमंद नहीं माना है। अधिकारियों ने कहा कि वार्ता में आगे की प्रगति अफगान तालिबान के सकारात्मक और रचनात्मक रवैये पर निर्भर करेगी। पाकिस्तानियों का कहना है कि तालिबान की खासतौर से टीटीपी पर कार्रवाई से हिचकिचाहट एक बड़ी अड़चन है।
सैन्य कार्रवाई की धमकीपाक सुरक्षा अधिकारियों ने अफगान में पनाह मिलते रहने पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने तालिबान पर भड़ते हुए कहा कि अगर पाकिस्तानी सेना टीटीपी पर हमले को मजबूर हुई तो इसकी दोनों देशों को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। एक सूत्र ने कहा, 'अफगानिस्तान को भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, जिसके लिए तालिबान जिम्मेदार होगा।'
दोहा वार्ता के दौरान पाकिस्तान और अफगeनिस्तान के बीच तत्काल युद्धविराम समझौते के बाद तुर्की में वार्ता हुई है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्राी ख्वाजा आसिफ के नेतृत्व में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। अफगान पक्ष की ओर सेवार्ता का नेतृत्व कार्यवाहक रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब और दूसरे प्रतिनिधि हैं।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान ने दूसरे दौर की वार्ता के दौरान इंताबुल में अफगान तालिबान शासन के सामने अपना रुख साफ किया है। पाकिस्तानी पक्ष ने कहा है कि सीमा पार हमलों और आतंकवाद के संरक्षण को वह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसी किसी भी गतिविधियों को 'अस्वीकार्य' माना जाएगा।
वार्ता में टकराव!अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तुर्की और कतर की मध्यस्थता में वार्ता हो रही है। कतर के बाद तुर्की में दोनों पक्षों ने वार्ता की है। कतर में दोनों पक्ष सीजफायर पर राजी हुए थे लेकिन तुर्क में चीजें अच्छी नहीं रही। इस्लामाबाद ने सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए काबुल से ठोस कदमउठाने की मांग इस तनाव की वजह बनी है।
एक सुरक्षा सूत्र के मुताबिक,तालिबान की ओर से पेश किए गए तर्क को पाक डेलीगेशन ने भरोसेमंद नहीं माना है। अधिकारियों ने कहा कि वार्ता में आगे की प्रगति अफगान तालिबान के सकारात्मक और रचनात्मक रवैये पर निर्भर करेगी। पाकिस्तानियों का कहना है कि तालिबान की खासतौर से टीटीपी पर कार्रवाई से हिचकिचाहट एक बड़ी अड़चन है।
सैन्य कार्रवाई की धमकीपाक सुरक्षा अधिकारियों ने अफगान में पनाह मिलते रहने पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने तालिबान पर भड़ते हुए कहा कि अगर पाकिस्तानी सेना टीटीपी पर हमले को मजबूर हुई तो इसकी दोनों देशों को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। एक सूत्र ने कहा, 'अफगानिस्तान को भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, जिसके लिए तालिबान जिम्मेदार होगा।'
दोहा वार्ता के दौरान पाकिस्तान और अफगeनिस्तान के बीच तत्काल युद्धविराम समझौते के बाद तुर्की में वार्ता हुई है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्राी ख्वाजा आसिफ के नेतृत्व में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। अफगान पक्ष की ओर सेवार्ता का नेतृत्व कार्यवाहक रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब और दूसरे प्रतिनिधि हैं।
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