वॉशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा है कि भारत ने अब तक अमेरिका से उसके पाकिस्तान के साथ बढ़ते रिश्तों को लेकर कोई औपचारिक आपत्ति नहीं जताई है। वाशिंगटन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान रूबियो ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान के साथ हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह भारत के साथ हमारे गहरे, ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण संबंधों या मित्रता की कीमत पर है।" आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में पाकिस्तान से लगातार संबंधों को मजबूत करने की कोशिश की है। वो पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर से दो बार मुलाकात भी कर चुके हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने इसके अलावा भारत-पाकिस्तान के बीच मई संघर्ष में मध्यस्थता करने की बात कही है। वो अभी तक अनगिनत बार बोल चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोकने के लिए टैरिफ को हथियार की तरह इस्तेमाल किया है। भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के दावों को बार बार खारिज किया है। लेकिन पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए आधिकारिक तौर पर नामित किया है। ट्रंप, शहबाज शरीफ से भी वाइट हाउस में मिल चुके हैं।
भारत पर क्या बोले अमेरिकी विदेश मंत्री
दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्री से पूछा गया था कि अमेरिका तथा पाकिस्तान के बीच बढ़ते संबंधों, मजबूत रिश्तों को लेकर चिंता जताई है। और क्या यह ऐसा कुछ है, जिसे भारतीय चिंता के तौर पर उठाते हैं? इस सवाल का उत्तर देते हुए मार्को रूबियो ने कहा कि "उन्होंने वास्तव में ऐसा नहीं किया है - मेरा मतलब है, हम जानते हैं कि वे स्पष्ट कारणों से चिंतित हैं, क्योंकि पाकिस्तान और भारत के बीच ऐतिहासिक रूप से तनाव रहा है। लेकिन, मुझे लगता है कि उन्हें यह समझना होगा कि हमें कई अलग-अलग देशों के साथ संबंध रखने होंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि "हम पाकिस्तान के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने का एक अवसर देखते हैं, और मुझे लगता है कि... यह हमारा काम है, यह पता लगाने की कोशिश करना कि हम कितने देशों के साथ साझा हितों के मुद्दों पर काम कर सकते हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि कूटनीति और उस तरह के मामलों में भारतीय बहुत परिपक्व हैं। देखिए, उनके कुछ ऐसे देशों के साथ संबंध हैं जिनके साथ हमारे संबंध नहीं हैं। इसलिए, यह एक परिपक्व, व्यावहारिक विदेश नीति का हिस्सा है। मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान के साथ हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह भारत के साथ हमारे रिश्ते या मित्रता की कीमत पर है, जो कि गहरे, ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण हैं।" यानि, मार्को रूबियो ने इशारों में रूस को लेकर भारत पर निशाना साधा है, क्योंकि भारत के रूस के साथ काफी मजबूत संबंध हैं, लेकिन अमेरिका और रूस के रिश्ते दशकों से खराब रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने इसके अलावा भारत-पाकिस्तान के बीच मई संघर्ष में मध्यस्थता करने की बात कही है। वो अभी तक अनगिनत बार बोल चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोकने के लिए टैरिफ को हथियार की तरह इस्तेमाल किया है। भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के दावों को बार बार खारिज किया है। लेकिन पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए आधिकारिक तौर पर नामित किया है। ट्रंप, शहबाज शरीफ से भी वाइट हाउस में मिल चुके हैं।
#Breaking: Rubio says India hasn’t raised concerns with the US about growing US-Pakistan ties
— Dhairya Maheshwari (@dhairyam14) October 26, 2025
“I don’t think anything we’re doing with Pakistan comes at the expense of our relationship or friendship with India, which is deep, historic, and important.” pic.twitter.com/Y0vuJmNSTh
भारत पर क्या बोले अमेरिकी विदेश मंत्री
दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्री से पूछा गया था कि अमेरिका तथा पाकिस्तान के बीच बढ़ते संबंधों, मजबूत रिश्तों को लेकर चिंता जताई है। और क्या यह ऐसा कुछ है, जिसे भारतीय चिंता के तौर पर उठाते हैं? इस सवाल का उत्तर देते हुए मार्को रूबियो ने कहा कि "उन्होंने वास्तव में ऐसा नहीं किया है - मेरा मतलब है, हम जानते हैं कि वे स्पष्ट कारणों से चिंतित हैं, क्योंकि पाकिस्तान और भारत के बीच ऐतिहासिक रूप से तनाव रहा है। लेकिन, मुझे लगता है कि उन्हें यह समझना होगा कि हमें कई अलग-अलग देशों के साथ संबंध रखने होंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि "हम पाकिस्तान के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने का एक अवसर देखते हैं, और मुझे लगता है कि... यह हमारा काम है, यह पता लगाने की कोशिश करना कि हम कितने देशों के साथ साझा हितों के मुद्दों पर काम कर सकते हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि कूटनीति और उस तरह के मामलों में भारतीय बहुत परिपक्व हैं। देखिए, उनके कुछ ऐसे देशों के साथ संबंध हैं जिनके साथ हमारे संबंध नहीं हैं। इसलिए, यह एक परिपक्व, व्यावहारिक विदेश नीति का हिस्सा है। मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान के साथ हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह भारत के साथ हमारे रिश्ते या मित्रता की कीमत पर है, जो कि गहरे, ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण हैं।" यानि, मार्को रूबियो ने इशारों में रूस को लेकर भारत पर निशाना साधा है, क्योंकि भारत के रूस के साथ काफी मजबूत संबंध हैं, लेकिन अमेरिका और रूस के रिश्ते दशकों से खराब रहे हैं।
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