नई दिल्ली: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने बुधवार को ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.25% की कटौती कर दी। इस कटौती के बाद ब्याज दरें घटकर 3.75% से 4.0% की रेंज में रह गई हैं। यह साल की दूसरी कटौती है। इससे पहले फेड रिजर्व ने पिछले महीने 17 अक्टूबर को ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी।
फेडरल रिजर्व का मानना है कि थोड़ी ज्यादा महंगाई को बर्दाश्त करके वे नौकरी बाजार को कमजोर होने से बचा सकते हैं। यह एक मुश्किल काम है, जिसे फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने 'कोई जोखिम-मुक्त रास्ता नहीं' बताया है। उनका लक्ष्य नौकरी को बढ़ावा देना है, लेकिन महंगाई को भी नहीं बढ़ने देना है। खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ (आयात शुल्क) की वजह से महंगाई बढ़ रही है।
इसी महीने दिया था संकेतजेरोम पॉवेल ने इसी महीने संकेत दिया था कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) अभी भी रोजगार बाजार (लेबर मार्केट) के लिए खतरों पर ध्यान दे रही है। इसके बाद, पिछले हफ्ते महंगाई के जो आंकड़े आए, वे उम्मीद से कम थे। इससे ऐसा लगता है कि फेडरल रिजर्व के वो सदस्य जो महंगाई को लेकर ज्यादा चिंतित हैं, वे फिलहाल शांत रहेंगे। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप है। इस वजह से फेडरल रिजर्व के पास अर्थव्यवस्था की हालत जानने के लिए जरूरी डेटा बहुत कम हैं।
दिसंबर 2024 के बाद दूसरी कटौतीदिसंबर 2024 के बाद फेड रिजर्व ने दूसरी बार कटौती की है। इससे पहले महंगाई पर काबू पाने के लिए फेड रिजर्व ने मार्च 2022 से जुलाई 2023 के बीच 11 बार ब्याज दरों में इजाफा किया था। नए आंकड़ों से पता चला है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था उतनी मजबूत नहीं है, जितना पहले सोचा जा रहा था। बाजार में लोग मान रहे हैं कि इस साल तीन बार कटौती हो सकती है। अगली कटौती दिसंबर 2025 में हो सकती है।
क्या होगा रेट कट का असर?ब्याज दर कम होने से कंपनियों और लोगों के लिए लोन लेना सस्ता हो जाएगा। इससे होम लोन, कार लोन, स्टूडेंट लोन और क्रेडिट कार्ड पर ब्याज कम देना होगा। हालांकि, इसका असर धीरे-धीरे होगा। लेकिन इससे कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे, बचत खातों पर कम ब्याज मिलेगा। साथ ही, लोग महंगाई और नौकरी के बाजार में कमजोरी को लेकर सावधान रहेंगे यानी जॉब मार्केट की रफ्तार धीमी हो सकती है।
भारतीय शेयर बाजार में आएगी तेजी!फेड रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती का असर भारत में भी दिखाई देगा। हालांकि भारत में इसका सकारात्मक असर दिखाई दे सकता है। ब्याज दरों में कटौती के बाद अमेरिका सस्ती दरों पर कर्ज देगा। विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर रुख कर सकते हैं, जहां उन्हें बेहतर रिटर्न मिल सकता है। इससे भारतीय शेयर बाजारों में एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) की भागीदारी बढ़ सकती है। ऐसे में शेयर मार्केट में तेजी आ सकती है।
सोने की कीमत पर क्या असर?ब्याज दरों में कटौती का सीधा फायदा सोने को होगा। चूंकि सोना सुरक्षित निवेश के रूप में जाना जाता है। ऐसे में लोग बेहतर रिटर्न के लिए सोने में निवेश को बड़ा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो सोने की कीमत में उछाल देखा जा सकता है। बुधवार को फेड रिजर्व की बैठक से पहले सोने की कीमत में तेजी आई। इससे पहले कई दिनों से सोने में गिरावट थी। धनतेरस से लेकर मंगलवार तक सोना 10 फीसदी से ज्यादा गिर चुका था।
फेडरल रिजर्व का मानना है कि थोड़ी ज्यादा महंगाई को बर्दाश्त करके वे नौकरी बाजार को कमजोर होने से बचा सकते हैं। यह एक मुश्किल काम है, जिसे फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने 'कोई जोखिम-मुक्त रास्ता नहीं' बताया है। उनका लक्ष्य नौकरी को बढ़ावा देना है, लेकिन महंगाई को भी नहीं बढ़ने देना है। खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ (आयात शुल्क) की वजह से महंगाई बढ़ रही है।
इसी महीने दिया था संकेतजेरोम पॉवेल ने इसी महीने संकेत दिया था कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) अभी भी रोजगार बाजार (लेबर मार्केट) के लिए खतरों पर ध्यान दे रही है। इसके बाद, पिछले हफ्ते महंगाई के जो आंकड़े आए, वे उम्मीद से कम थे। इससे ऐसा लगता है कि फेडरल रिजर्व के वो सदस्य जो महंगाई को लेकर ज्यादा चिंतित हैं, वे फिलहाल शांत रहेंगे। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप है। इस वजह से फेडरल रिजर्व के पास अर्थव्यवस्था की हालत जानने के लिए जरूरी डेटा बहुत कम हैं।
दिसंबर 2024 के बाद दूसरी कटौतीदिसंबर 2024 के बाद फेड रिजर्व ने दूसरी बार कटौती की है। इससे पहले महंगाई पर काबू पाने के लिए फेड रिजर्व ने मार्च 2022 से जुलाई 2023 के बीच 11 बार ब्याज दरों में इजाफा किया था। नए आंकड़ों से पता चला है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था उतनी मजबूत नहीं है, जितना पहले सोचा जा रहा था। बाजार में लोग मान रहे हैं कि इस साल तीन बार कटौती हो सकती है। अगली कटौती दिसंबर 2025 में हो सकती है।
क्या होगा रेट कट का असर?ब्याज दर कम होने से कंपनियों और लोगों के लिए लोन लेना सस्ता हो जाएगा। इससे होम लोन, कार लोन, स्टूडेंट लोन और क्रेडिट कार्ड पर ब्याज कम देना होगा। हालांकि, इसका असर धीरे-धीरे होगा। लेकिन इससे कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे, बचत खातों पर कम ब्याज मिलेगा। साथ ही, लोग महंगाई और नौकरी के बाजार में कमजोरी को लेकर सावधान रहेंगे यानी जॉब मार्केट की रफ्तार धीमी हो सकती है।
भारतीय शेयर बाजार में आएगी तेजी!फेड रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती का असर भारत में भी दिखाई देगा। हालांकि भारत में इसका सकारात्मक असर दिखाई दे सकता है। ब्याज दरों में कटौती के बाद अमेरिका सस्ती दरों पर कर्ज देगा। विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर रुख कर सकते हैं, जहां उन्हें बेहतर रिटर्न मिल सकता है। इससे भारतीय शेयर बाजारों में एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) की भागीदारी बढ़ सकती है। ऐसे में शेयर मार्केट में तेजी आ सकती है।
सोने की कीमत पर क्या असर?ब्याज दरों में कटौती का सीधा फायदा सोने को होगा। चूंकि सोना सुरक्षित निवेश के रूप में जाना जाता है। ऐसे में लोग बेहतर रिटर्न के लिए सोने में निवेश को बड़ा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो सोने की कीमत में उछाल देखा जा सकता है। बुधवार को फेड रिजर्व की बैठक से पहले सोने की कीमत में तेजी आई। इससे पहले कई दिनों से सोने में गिरावट थी। धनतेरस से लेकर मंगलवार तक सोना 10 फीसदी से ज्यादा गिर चुका था।
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