गुड़गांव: दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में एक वकील, उसके पति और एक गुब्बारे वाले को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। इन पर झूठे पॉक्सों मामलों में फंसाकर निर्दोष लोगों से उगाही करने का रैकेट चलाने का आरोप है। पुलिस ने बताया कि वकील गीतिका चावला, उसका पति हर्ष कुमार और उनका साथी हनुमान उन परिवारों को निशाना बनाते थे जो पहले से ही वैवाहिक कलह से जूझ रहे थे। सात सदस्यों की एक स्पेशल इन्वेस्टिंग टीम ने DCP (दक्षिण) हितेश यादव के नेतृत्व में जोड़े के सेक्टर 72 स्थित घर पर 17 घंटे तक छापेमारी की। इस दौरान पुलिस को 1.1 करोड़ रुपये कैश, 2.9 करोड़ रुपये के सोने के गहने, जाली दस्तावेज, नकली आधार कार्ड और कई मोबाइल फोन मिले। आयकर विभाग ने भी इस बेहिसाब दौलत की समानांतर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, इस गिरोह का तरीका यह था कि वे उन पुरुषों की पहचान करते थे जो तलाक के मामलों में फंसे होते थे और कानूनी सलाह के लिए गीतिका के पास आते थे। वकील पहले इन पुरुषों का भरोसा जीतती थी। फिर वह अपने पति और हनुमान के साथ मिलकर उनकी निजी और वित्तीय जानकारी इकट्ठा करती थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि वकील पहले पुरुषों को अदालत के बाहर समझौता करने के लिए मनाती थी। वे कहते थे कि वे अपनी अलग रह रही पत्नियों को एकमुश्त रकम देकर मामला खत्म कर लें। अगर पुरुष इस तथाकथित समझौते के लिए पैसे देने से इनकार कर देते थे तो उन्हें कथित तौर पर धमकी दी जाती थी और कई मामलों में झूठे पॉक्सो या बलात्कार के मामलों में फंसा दिया जाता था।
अधिकारी ने बताया क वकील अलग रह रही पत्नियों के साथ समझौता कर लेती थी। उन्हें अपने पतियों के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज करने के लिए कहती थी ताकि वे दबाव में आकर ज़्यादा पैसे दे दें। इस तरह पत्नियों को उनका पैसा और वकील को एक बड़ा हिस्सा मिलता था। ऐसे ही एक पीड़ित ने बताया कि मैं मदद के लिए गीतिका चावला के पास गया था। लेकिन वह मेरे खिलाफ हो गई और मेरी पत्नी से मिलकर पैसे मांगने लगी। जब मैंने मना किया, तो मुझे अनजान नंबरों से धमकी भरे कॉल आने लगे।
पुलिस को अब तक ऐसे तीन मामलों का पता चला है। जहां अलग रह रही पत्नियों ने अपने पतियों के ठिकाने की जानकारी साझा की थी। इससे गिरोह के लिए उन्हें फंसाना आसान हो गया। ऐसी ही एक साजिश 29 अक्टूबर को तब उजागर हुई जब गुब्बारे बेचने वाले हनुमान ने सेक्टर 65 थाने में विशाल अग्रवाल पर अपने आठ साल के बेटे के साथ कुकर्म करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। हनुमान ने खुद को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद का रोहित बता रहा था। विशाल गीतिका का मुवक्किल था और अपने तलाक के मामले में कानूनी मदद के लिए उसके पास आया था।
हालांकि उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बच्चे के बयानों में विसंगतियों ने पुलिस को संदेह में डाल दिया। जब पुलिस ने अपने अभिलेखों की डिजिटल जांच की, तो शिकायतकर्ता का चेहरा हनुमान से मेल खाता था। जिसे पहले चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने असली रोहित का भी पता लगा लिया, जिसने कोई शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया। हनुमान के फोन रिकॉर्ड और IMEI नंबरों की तकनीकी जांच से पुलिस गीतिका और हर्ष तक पहुंची। पुलिस को पता चला कि हर्ष ने कई आधार कार्डों के जरिए सिम कार्ड हासिल किए थे। इनका इस्तेमाल जबरन वसूली के लिए कॉल करने और फर्जी शिकायतें दर्ज कराने में किया जाता था।
इस कपल ने हनुमान को क्यों शामिल किया?
आगे की जांच से पता चला कि एक मामले में गीतिका ने कथित तौर पर एक पत्नी पर अपने अलग हुए पति के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराने का दबाव डाला था और उस पर अपनी बेटी के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था। जब पत्नी ने इनकार कर दिया तो हनुमान को शिकायतकर्ता के रूप में शामिल किया गया। एक अन्य मामले में एक पति पर अपनी ही बेटी का यौन उत्पीड़न करने का झूठा आरोप लगाया गया था और फरीदाबाद में एक तीसरे मामले में हनुमान की पत्नी ने एक मनगढ़ंत शिकायत दर्ज कराई थी।
डीसीपी यादव ने कहा कि इस गिरोह ने फर्जी मुकदमों के जरिए जबरन वसूली का एक गहरा नेटवर्क बनाया था। हमारी टीम इस रैकेट का पर्दाफ़ाश करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही थी। वित्तीय और डिजिटल लेन-देन की जांच जारी रहने के कारण और भी गिरफ़्तारियां होने की संभावना है। पुलिस अब झूठे आरोप लगाने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए तीनों मामलों को फिर से खोल रही है। इसमें शामिल अलग रह रही पत्नियों की भी जांच चल रही है और जांच आगे बढ़ने पर उन पर भी मामला दर्ज किया जाएगा।
पुलिस गीतिका की कानूनी योग्यता की भी जांच कर रही है, क्योंकि उसने दावा किया है कि उसने पिछले साल ही वकालत शुरू की है। दंपती और हनुमान के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, षडयंत्र और पोक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। एक अधिकारी ने कहा कि हम उन सभी लोगों से आग्रह करते हैं जिन्हें संदेह है कि वे पीड़ित हो सकते हैं कि वे आगे आएँ। कमजोर लोगों की रक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का दुरुपयोग निर्दोष परिवारों के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकता है।
पुलिस के अनुसार, इस गिरोह का तरीका यह था कि वे उन पुरुषों की पहचान करते थे जो तलाक के मामलों में फंसे होते थे और कानूनी सलाह के लिए गीतिका के पास आते थे। वकील पहले इन पुरुषों का भरोसा जीतती थी। फिर वह अपने पति और हनुमान के साथ मिलकर उनकी निजी और वित्तीय जानकारी इकट्ठा करती थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि वकील पहले पुरुषों को अदालत के बाहर समझौता करने के लिए मनाती थी। वे कहते थे कि वे अपनी अलग रह रही पत्नियों को एकमुश्त रकम देकर मामला खत्म कर लें। अगर पुरुष इस तथाकथित समझौते के लिए पैसे देने से इनकार कर देते थे तो उन्हें कथित तौर पर धमकी दी जाती थी और कई मामलों में झूठे पॉक्सो या बलात्कार के मामलों में फंसा दिया जाता था।
सुयोजित तरीके से POCSO अधिनियम के तहत झूठा अभियोग दर्ज कराने के मामले में #गुरुग्राम_पुलिस ने 01 महिला वकील सहित कुल 03 आरोपियों को किया गिरफ्तार।
— Gurugram Police (@gurgaonpolice) November 7, 2025
आरोपियों के कब्जा से ₹1.14 करोड़ नकद, ₹2.88 करोड़ की ज्वैलरी, फर्जी दस्तावेज़, पासपोर्ट, मोबाइल, सिम कार्ड, हार्ड डिस्क आदि बरामद।… pic.twitter.com/NIelEfzIyk
अधिकारी ने बताया क वकील अलग रह रही पत्नियों के साथ समझौता कर लेती थी। उन्हें अपने पतियों के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज करने के लिए कहती थी ताकि वे दबाव में आकर ज़्यादा पैसे दे दें। इस तरह पत्नियों को उनका पैसा और वकील को एक बड़ा हिस्सा मिलता था। ऐसे ही एक पीड़ित ने बताया कि मैं मदद के लिए गीतिका चावला के पास गया था। लेकिन वह मेरे खिलाफ हो गई और मेरी पत्नी से मिलकर पैसे मांगने लगी। जब मैंने मना किया, तो मुझे अनजान नंबरों से धमकी भरे कॉल आने लगे।
पुलिस को अब तक ऐसे तीन मामलों का पता चला है। जहां अलग रह रही पत्नियों ने अपने पतियों के ठिकाने की जानकारी साझा की थी। इससे गिरोह के लिए उन्हें फंसाना आसान हो गया। ऐसी ही एक साजिश 29 अक्टूबर को तब उजागर हुई जब गुब्बारे बेचने वाले हनुमान ने सेक्टर 65 थाने में विशाल अग्रवाल पर अपने आठ साल के बेटे के साथ कुकर्म करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। हनुमान ने खुद को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद का रोहित बता रहा था। विशाल गीतिका का मुवक्किल था और अपने तलाक के मामले में कानूनी मदद के लिए उसके पास आया था।
हालांकि उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बच्चे के बयानों में विसंगतियों ने पुलिस को संदेह में डाल दिया। जब पुलिस ने अपने अभिलेखों की डिजिटल जांच की, तो शिकायतकर्ता का चेहरा हनुमान से मेल खाता था। जिसे पहले चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने असली रोहित का भी पता लगा लिया, जिसने कोई शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया। हनुमान के फोन रिकॉर्ड और IMEI नंबरों की तकनीकी जांच से पुलिस गीतिका और हर्ष तक पहुंची। पुलिस को पता चला कि हर्ष ने कई आधार कार्डों के जरिए सिम कार्ड हासिल किए थे। इनका इस्तेमाल जबरन वसूली के लिए कॉल करने और फर्जी शिकायतें दर्ज कराने में किया जाता था।
इस कपल ने हनुमान को क्यों शामिल किया?
आगे की जांच से पता चला कि एक मामले में गीतिका ने कथित तौर पर एक पत्नी पर अपने अलग हुए पति के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराने का दबाव डाला था और उस पर अपनी बेटी के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था। जब पत्नी ने इनकार कर दिया तो हनुमान को शिकायतकर्ता के रूप में शामिल किया गया। एक अन्य मामले में एक पति पर अपनी ही बेटी का यौन उत्पीड़न करने का झूठा आरोप लगाया गया था और फरीदाबाद में एक तीसरे मामले में हनुमान की पत्नी ने एक मनगढ़ंत शिकायत दर्ज कराई थी।
डीसीपी यादव ने कहा कि इस गिरोह ने फर्जी मुकदमों के जरिए जबरन वसूली का एक गहरा नेटवर्क बनाया था। हमारी टीम इस रैकेट का पर्दाफ़ाश करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही थी। वित्तीय और डिजिटल लेन-देन की जांच जारी रहने के कारण और भी गिरफ़्तारियां होने की संभावना है। पुलिस अब झूठे आरोप लगाने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए तीनों मामलों को फिर से खोल रही है। इसमें शामिल अलग रह रही पत्नियों की भी जांच चल रही है और जांच आगे बढ़ने पर उन पर भी मामला दर्ज किया जाएगा।
पुलिस गीतिका की कानूनी योग्यता की भी जांच कर रही है, क्योंकि उसने दावा किया है कि उसने पिछले साल ही वकालत शुरू की है। दंपती और हनुमान के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, षडयंत्र और पोक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। एक अधिकारी ने कहा कि हम उन सभी लोगों से आग्रह करते हैं जिन्हें संदेह है कि वे पीड़ित हो सकते हैं कि वे आगे आएँ। कमजोर लोगों की रक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का दुरुपयोग निर्दोष परिवारों के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकता है।
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