नई दिल्ली: भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज का पहला मुकाबला हार गई। पर्थ स्टेडियम में खेले गए मुकाबले को ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट से अपने नाम कर लिया। टीम को यह जीत डीएलएस नियम से मिली। भारत ने पहले खेलते हुए 9 विकेट पर 136 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के सामने 26 ओवर में 131 रनों का लक्ष्य था, जिसे टीम ने कप्तान मिचेल मार्श की अर्धशतकीय पारी की मदद से 22वें ओवर में ही हासिल कर लिया।
टीम इंडिया से बड़ी गलती हुई
वैसे तो भारतीय टीम ने इस मैच में कई गलतियां की लेकिन सबसे बड़ी गलती बैटिंग ऑर्डर में हुई। 20वें ओवर में जब अक्षर पटेल का विकेट गिरा तो कप्तान शुभमन गिल और हेड कोच गौतम गंभीर ने वॉशिंगटन सुंदर को भेजने का फैसला किया। सुंदर अच्छी बल्लेबाजी करते हैं लेकिन पावरहिटर नहीं हैं। टीम के पास नीतीश कुमार रेड्डी का ऑप्शन था लेकिन फिर भी सुंदर आए। उन्होंने 10 गेंदों पर सिर्फ 10 रन बनाए। उस समय तेजी से रन बनाने की जरूरत थी।
नीतीश कुमार रेड्डी 24वें ओवर में बल्लेबाजी करने उतरे। दूसरे छोर से एक के बाद एक विकेट गिरने लगे। टेलेंडर्स के साथ वह सिंगल भी नहीं भाग पा रहे थे। नीतीश ने आखिरी ओवर में दो छक्के मारे। उन्होंने 11 गेंद पर 19 रन बनाए। इससे भारतीय टीम 136 रनों तक पहुंच पाई। वह पहले बैटिंग में आते तो भारतीय टीम का स्कोर 150 रनों के पार भी पहुंच सकता था।
भारत की बॉलिंग भी फेल रही
बल्लेबाजी के साथ ही भारतीय टीम की गेंदबाजी भी इस मुकाबले में नहीं चली। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे ओवर में ही ट्रेविस हेड का विकेट को दिया था। इसके बाद भी रन रेट में कमी नहीं आई। कप्तान मिचेल मार्श ने 52 गेंद पर नाबाद 46 रन बनाए। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया। विकेटकीपर जोश फिलिपे के बल्ले से सिर्फ 29 गेंद पर 37 रनों की पारी निकली। भारत ने 6 गेंदबाजों को मौका दिया औरर चार ने 6 से ज्यादा की इकोनॉमी से रन दिए।
टीम इंडिया से बड़ी गलती हुई
वैसे तो भारतीय टीम ने इस मैच में कई गलतियां की लेकिन सबसे बड़ी गलती बैटिंग ऑर्डर में हुई। 20वें ओवर में जब अक्षर पटेल का विकेट गिरा तो कप्तान शुभमन गिल और हेड कोच गौतम गंभीर ने वॉशिंगटन सुंदर को भेजने का फैसला किया। सुंदर अच्छी बल्लेबाजी करते हैं लेकिन पावरहिटर नहीं हैं। टीम के पास नीतीश कुमार रेड्डी का ऑप्शन था लेकिन फिर भी सुंदर आए। उन्होंने 10 गेंदों पर सिर्फ 10 रन बनाए। उस समय तेजी से रन बनाने की जरूरत थी।
नीतीश कुमार रेड्डी 24वें ओवर में बल्लेबाजी करने उतरे। दूसरे छोर से एक के बाद एक विकेट गिरने लगे। टेलेंडर्स के साथ वह सिंगल भी नहीं भाग पा रहे थे। नीतीश ने आखिरी ओवर में दो छक्के मारे। उन्होंने 11 गेंद पर 19 रन बनाए। इससे भारतीय टीम 136 रनों तक पहुंच पाई। वह पहले बैटिंग में आते तो भारतीय टीम का स्कोर 150 रनों के पार भी पहुंच सकता था।
भारत की बॉलिंग भी फेल रही
बल्लेबाजी के साथ ही भारतीय टीम की गेंदबाजी भी इस मुकाबले में नहीं चली। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे ओवर में ही ट्रेविस हेड का विकेट को दिया था। इसके बाद भी रन रेट में कमी नहीं आई। कप्तान मिचेल मार्श ने 52 गेंद पर नाबाद 46 रन बनाए। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया। विकेटकीपर जोश फिलिपे के बल्ले से सिर्फ 29 गेंद पर 37 रनों की पारी निकली। भारत ने 6 गेंदबाजों को मौका दिया औरर चार ने 6 से ज्यादा की इकोनॉमी से रन दिए।
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