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Traffic Advisory: कोलकाता के इन रास्तों से आज संभलकर गुजरें, लग सकता है ट्रैफिक जाम, SIR के विरोध में ममता बनर्जी निकालेंगी मार्च

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी आज कोलकाता में केंद्र सरकार की ओर से राज्य में लागू किए जा रहे एसाईआर (Systematic Identification of Real Voters) के विरोध में एक विशाल मार्च निकालने जा रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर मतदाता सूची में किसी भी वास्तविक मतदाता का नाम हटाया गया, तो पार्टी जोरदार विरोध प्रदर्शन करेगी। यह पदयात्रा दोपहर करीब 1:30 बजे शुरू होगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी रेड रोड पर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा से मार्च की शुरुआत करेंगे।


यह रैली कोलकाता के जोरा संको ठाकुरबाड़ी, जो कि नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर का जन्मस्थान है, तक जाएगी। वहीं पर इस विरोध मार्च का समापन किया जाएगा। मार्च के दौरान बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक शामिल होंगे। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस और यातायात विभाग ने ट्रैफिक को सुचारु रखने के लिए विशेष व्यवस्था की है, लेकिन शहर के कई प्रमुख मार्गों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित रहने की संभावना है।



इन सड़कों पर सफर करने से बचे

मार्च के कारण दोपहर से लेकर देर शाम तक कोलकाता के सेंट्रल इलाके में भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है वे इन सड़कों पर जानें से बचें: रेड रोड, बी.बी. गान्गुली स्ट्रीट, एस्प्लेनेड क्षेत्र, सी.आर. (चित्तरंजन) एवेन्यू, जे.एन. नेहरू रोड (जवाहरलाल नेहरू रोड), एस.एन. बनर्जी रोड, परिधि, कॉलेज स्ट्रीट, निर्मल चंद्र स्ट्रीट, रफी अहमद किदवई रोड, और डोरिना क्रॉसिंग से जुड़ने वाली मुख्य सड़कें जैसे ए.जे.सी. बोस रोड, बिधान सारणी और स्ट्रैंड रोड।


यात्रियों के लिए सलाह
पुलिस ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे दोपहर 12 बजे से लेकर देर शाम तक इन मार्गों से बचें और वैकल्पिक रास्तों की योजना पहले से बना लें। प्रशासन ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर ट्रैफिक को डायवर्ट किया जा सकता है। टीएमसीका यह मार्च राज्य में SIR लागू करने के खिलाफ जनता को एकजुट करने का प्रयास माना जा रहा है। पार्टी का कहना है कि यह कदम मतदाताओं को डराने और वास्तविक मतदाताओं के अधिकारों को छीनने की साजिश है। वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि तृणमूल इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से भुना रही है।

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