काबुल: अफगानिस्तान पर हमला करना पाकिस्तान को महंगा पड़ता दिख रहा है। इस हमले के बाद तालिबान ने कट्टरपंथी इस्लामी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थन का ऐलान किया है। तालिबान के टीएलपी का समर्थन करने से पाकिस्तान की टेंशन बढ़ने की आशंका है। टीएलपी ने शुक्रवार को लाहौर से अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया था और इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास तक मार्च करने तथा गाजा के लोगों के समर्थन में धरना देने की घोषणा की थी। इस दौरान सोमवार को टीएलपी के हजारों सदस्यों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प में एक पुलिसकर्मी समेत कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए। टीएलपी का आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की।
तालिबान ने पाकिस्तान पर लगाया फायरिंग का आरोप
इस बीच तालिबान का कहना है कि "पाकिस्तानी सेना ने प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी और हिंसक हमलों से जवाब दिया, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए।" अफ़गानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा, "पाकिस्तान में तहरीक-ए-लब्बैक नामक एक राजनीतिक दल ने देश के कानूनों के अनुसार इस्लामाबाद की ओर मार्च करने के इरादे से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित किए थे। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी की और हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप भारी नागरिक हताहत हुए और काफी संपत्ति का नुकसान हुआ।"
तालिबान बोला- आशा है पाकिस्तान बल प्रयोग से बचेगा
तालिबानी प्रवक्ता ने कहा, "हम इस दुखद घटना और आम लोगों पर हुई हिंसा पर गहरा दुःख और सहानुभूति व्यक्त करते हैं। हम मारे गए लोगों के परिवारों और पाकिस्तान की जनता के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं, और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। हम पाकिस्तानी सरकार और सत्तारूढ़ अधिकारियों से अपने ही नागरिकों के विरुद्ध बल प्रयोग से बचने और आंतरिक मुद्दों को बातचीत और आपसी समझ के माध्यम से सुलझाने का आह्वान करते हैं।"
तालिबान-पाकिस्तान में चरम पर तनाव
शनिवार-रविवार को सीमा पर सैन्य झड़पों के बाद तालिबान और पाकिस्तान में चरम पर तनाव है। दोनों देशों ने एक दूसरे को भारी नुकसान पहुंचाने का दावा किया है। तालिबान ने कहा है कि उसने पाकिस्तानी सेना पर हमला करने के अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया है। तालिबानी विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने कहा है कि उनका पाकिस्तान से संघर्ष का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने सीमा तनाव के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है।
तालिबान ने पाकिस्तान पर लगाया फायरिंग का आरोप
इस बीच तालिबान का कहना है कि "पाकिस्तानी सेना ने प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी और हिंसक हमलों से जवाब दिया, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए।" अफ़गानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा, "पाकिस्तान में तहरीक-ए-लब्बैक नामक एक राजनीतिक दल ने देश के कानूनों के अनुसार इस्लामाबाद की ओर मार्च करने के इरादे से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित किए थे। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी की और हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप भारी नागरिक हताहत हुए और काफी संपत्ति का नुकसान हुआ।"
तालिबान बोला- आशा है पाकिस्तान बल प्रयोग से बचेगा
तालिबानी प्रवक्ता ने कहा, "हम इस दुखद घटना और आम लोगों पर हुई हिंसा पर गहरा दुःख और सहानुभूति व्यक्त करते हैं। हम मारे गए लोगों के परिवारों और पाकिस्तान की जनता के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं, और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। हम पाकिस्तानी सरकार और सत्तारूढ़ अधिकारियों से अपने ही नागरिकों के विरुद्ध बल प्रयोग से बचने और आंतरिक मुद्दों को बातचीत और आपसी समझ के माध्यम से सुलझाने का आह्वान करते हैं।"
तालिबान-पाकिस्तान में चरम पर तनाव
शनिवार-रविवार को सीमा पर सैन्य झड़पों के बाद तालिबान और पाकिस्तान में चरम पर तनाव है। दोनों देशों ने एक दूसरे को भारी नुकसान पहुंचाने का दावा किया है। तालिबान ने कहा है कि उसने पाकिस्तानी सेना पर हमला करने के अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया है। तालिबानी विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने कहा है कि उनका पाकिस्तान से संघर्ष का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने सीमा तनाव के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है।
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