रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) संविदा कर्मचारी अब आमने-सामने आ गए हैं। संविदा कर्मचारियों को सरकार ने मंगलवार तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है। वहीं, सरकार के अल्टीमेटम के बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए हैं। सरकार की चेतावनी का उनके ऊपर कोई असर नहीं हुआ है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के गृह जिले मनेन्द्रगढ़ में संविदाकर्मियों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर इच्छा मृत्यु की मांग की है।
सरकार ने दिया अल्टीमेटम
हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की 10 मांगों में चार मांगों को सरकार ने मान लिया है। वहीं, बाकी कि मांगों के लिए कमेटी का गठन किया गया है। ऐसे में सरकार ने कर्मचारियों को अल्टीमेटम दिया है। कहा गया है कि अगर कर्मचारी मंगलवार तक काम में वापस नहीं लौटे तो 16,000 सीटें शून्य मान ली जाएगी। कर्मचारियों को नोटिस देकर नौकरी से निकाला जाएगा।
क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री ने
कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की 10 मांगों में से 4 प्रमुख मांगें स्वीकार कर ली हैं। बाकी मांगों के लिए कमेटी का गठन किया गया है। अब कर्मचारियों को हड़ताल खत्म कर अपने काम पर लौट जाना चाहिए।
करीब 30 दिन से हड़ताल
वहीं, सरकार के अल्टीमेटम के बाद भी संविदा कर्मचारियों ने मंगलवार को अपनी हड़ताल खत्म नहीं की है। सरकार की चेतावनी का असर हड़ताल करने वाले कर्मचारियों पर नहीं हुआ है। बता दें कि NHM कर्मियों के हड़ताल को 27 दिन से अधिक होने जा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने 10 में से एक भी मांग लिखित में पूरी नहीं की है।
क्या है संविदाकर्मियों की मांग
सरकार ने 4 मांगें मानीNHM संविदाकर्मियों की 10 में से चार मांगों पर सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। सरकार ने मेडिकल और अन्य अवकाश की सुविधा, CR व्यवस्था में सुधार, कैश लेस मेडिकल इंश्योरेंस और लंबित वेतन वृद्धि पर सहमति दे दी है। इसके साथ ही बाकी मांगों को लेकर एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद फैसला लिया जाएगा।
सरकार ने दिया अल्टीमेटम
हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की 10 मांगों में चार मांगों को सरकार ने मान लिया है। वहीं, बाकी कि मांगों के लिए कमेटी का गठन किया गया है। ऐसे में सरकार ने कर्मचारियों को अल्टीमेटम दिया है। कहा गया है कि अगर कर्मचारी मंगलवार तक काम में वापस नहीं लौटे तो 16,000 सीटें शून्य मान ली जाएगी। कर्मचारियों को नोटिस देकर नौकरी से निकाला जाएगा।
क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री ने
कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की 10 मांगों में से 4 प्रमुख मांगें स्वीकार कर ली हैं। बाकी मांगों के लिए कमेटी का गठन किया गया है। अब कर्मचारियों को हड़ताल खत्म कर अपने काम पर लौट जाना चाहिए।
करीब 30 दिन से हड़ताल
वहीं, सरकार के अल्टीमेटम के बाद भी संविदा कर्मचारियों ने मंगलवार को अपनी हड़ताल खत्म नहीं की है। सरकार की चेतावनी का असर हड़ताल करने वाले कर्मचारियों पर नहीं हुआ है। बता दें कि NHM कर्मियों के हड़ताल को 27 दिन से अधिक होने जा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने 10 में से एक भी मांग लिखित में पूरी नहीं की है।
क्या है संविदाकर्मियों की मांग
- संविलियन और स्थायीकरण
- ग्रेड पे का निर्धारण
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
- लंबित 27 फीसदी वेतन में वृद्धि
- अनुकंपा नियुक्ति
- CR सिस्टम में पारदर्शिता
- रेगुलर भर्ती में सीटों का आरक्षण
- मेडिकल लीव और अन्य सुविधाएं
- ट्रांसफर पॉलिसी
- 10 लाख रुपये तक का कैश लेस हेल्थ इंश्योरेंस
सरकार ने 4 मांगें मानीNHM संविदाकर्मियों की 10 में से चार मांगों पर सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। सरकार ने मेडिकल और अन्य अवकाश की सुविधा, CR व्यवस्था में सुधार, कैश लेस मेडिकल इंश्योरेंस और लंबित वेतन वृद्धि पर सहमति दे दी है। इसके साथ ही बाकी मांगों को लेकर एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद फैसला लिया जाएगा।
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