मुंबई : वरिष्ठ शिवसेना नेता रामदास कदम के बाल ठाकरे के निधन से जुड़े सनसनीखेज दावे को लेकर सियासी भूचाल आ गया है। उन्होंने यह दावा दशहरा रैली में किया था। उनके दावे के बाद उद्धव ठाकरे शिवसेना और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप बढ़ गया है। कदम ने आरोप लगाया कि शिवसेना संस्थापक के पार्थिव शरीर को 2012 में उनके निधन की औपचारिक घोषणा से दो दिन पहले बांद्रा स्थित ठाकरे परिवार के निवास मातोश्री में रखा गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि शिवसेना संस्थापक की अंगुलियों के निशान उनके निधन के बाद लिए गए थे।
बाल ठाकरे का 17 नवंबर 2012 को निधन हो गया था। वह 86 वर्ष के थे। विवाद तेजी से बढ़ा और शिवसेना के दोनों गुटों के नेताओं के बीच तीखी बहस छिड़ गई। शिवसेना (यूटीबी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रामदास कदम को गद्दार और नमक हराम करार दिया।
रामदास कदम पर मानहानि केस करने की धमकीकदम की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने का आग्रह किये जाने पर उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं गद्दारों और नमक हराम पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता।' वहीं, वरिष्ठ शिवसेना नेता अनिल परब ने अपने देवता बाल ठाकरे के बारे में झूठे दावे करने के लिए कदम के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति के रूप में मिलने वाला कोई भी मुआवज़ा बारिश से प्रभावित किसानों को दिया जाएगा।
बीएमसी चुनाव से पहले बदनाम करने का आरोपजवाब में रामदास कदम ने कहा कि वह इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करेंगे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखेंगे। अनिल परब ने कहा, 'उद्धव ठाकरे के खिलाफ लोगों के मन में जहर घोलने की मंशा है। शिवसेना (उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली) जानती है कि वह बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) चुनाव नहीं जीत सकती। रामदास कदम के लगाए गए आरोप महाराष्ट्र के वर्तमान मुद्दों से ध्यान भटकाने के उद्देश्य से हैं।
व्यक्तिगत हुए हमलेअनिल परब ने मांग की है कि कामदास कदम के दावों के लिए उनका नार्को टेस्ट कराया जाए और यह भी पता लगाया जाए कि 1993 में उनकी (कदम की) पत्नी कैसे जल गईं। इस बीच, कदम ने स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी खेड में चूल्हे पर खाना बनाते समय जल गई थीं। उन्होंने कहा कि अपनी पत्नी को बचाने की कोशिश में उन्हें चोटें आई थीं। शिवसेना नेता ने कहा कि वह अपनी पत्नी के बारे में निराधार दावे करने के लिए परब के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
अनिल परब ने दागे सवाल पर सवालअनिल परब ने आश्चर्य जताया कि अगर कदम को लगता है कि उद्धव ठाकरे एक बुरे व्यक्ति हैं, तो वह 2014-19 में पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार में (अविभाजित) शिवसेना से मंत्री बनने के लिए क्यों सहमत हुए। परब ने याद दिलाया कि 2019 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना (अविभाजित) ने ही कदम के बेटे योगेश को मैदान में उतारा था। वह अब फडणवीस सरकार में मंत्री हैं।
रामदास कदम ने बाल ठाकरे को लेकर क्या कहाशिवसेना की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए रामदास कदम ने कहा था कि शिवसेना प्रमुख (बाल ठाकरे) का निधन कब हुआ? शिवसेना प्रमुख का पार्थिव शरीर दो दिन तक मातोश्री में क्यों रखा गया? मैं आठ दिन तक मातोश्री में एक बेंच पर सोया था (जब बाल ठाकरे गंभीर रूप से बीमार थे)। उन्होंने उद्धव ठाकरे से जवाब मांगा है। शिवसेना (यूटीबी) नेताओं ने कदम के आरोपों को निराधार बताया है।
संजय राउत ने उठाए सवालशिवसेना (यूटीबी) सांसद संजय राउत ने कहा कि कदम कभी भी भरोसेमंद व्यक्ति नहीं रहे, तब भी नहीं जब वह अविभाजित शिवसेना का हिस्सा थे। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने उन्हें दो बार विधानपरिषद के लिए जिताया। नीलम गोरहे और कदम ने पार्टी में क्या योगदान दिया है? उन्हें उद्धव ठाकरे का आभारी होना चाहिए। कदम के बेटे वर्तमान में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में गृह राज्य मंत्री हैं।
राउत ने कहा, 'मैं बालासाहेब के अंतिम क्षणों में मौजूद था। कदम का दावा इस बात का उदाहरण है कि पद और पैसे के लिए कोई व्यक्ति कितना गिर सकता है। जो लोग पार्टी छोड़ चुके हैं, वे कभी भी बालासाहेब के प्रति निष्ठावान नहीं रह सकते या उन्हें अपना मार्गदर्शक नहीं मान सकते।'
बाल ठाकरे का 17 नवंबर 2012 को निधन हो गया था। वह 86 वर्ष के थे। विवाद तेजी से बढ़ा और शिवसेना के दोनों गुटों के नेताओं के बीच तीखी बहस छिड़ गई। शिवसेना (यूटीबी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रामदास कदम को गद्दार और नमक हराम करार दिया।
रामदास कदम पर मानहानि केस करने की धमकीकदम की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने का आग्रह किये जाने पर उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं गद्दारों और नमक हराम पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता।' वहीं, वरिष्ठ शिवसेना नेता अनिल परब ने अपने देवता बाल ठाकरे के बारे में झूठे दावे करने के लिए कदम के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति के रूप में मिलने वाला कोई भी मुआवज़ा बारिश से प्रभावित किसानों को दिया जाएगा।
बीएमसी चुनाव से पहले बदनाम करने का आरोपजवाब में रामदास कदम ने कहा कि वह इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करेंगे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखेंगे। अनिल परब ने कहा, 'उद्धव ठाकरे के खिलाफ लोगों के मन में जहर घोलने की मंशा है। शिवसेना (उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली) जानती है कि वह बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) चुनाव नहीं जीत सकती। रामदास कदम के लगाए गए आरोप महाराष्ट्र के वर्तमान मुद्दों से ध्यान भटकाने के उद्देश्य से हैं।
व्यक्तिगत हुए हमलेअनिल परब ने मांग की है कि कामदास कदम के दावों के लिए उनका नार्को टेस्ट कराया जाए और यह भी पता लगाया जाए कि 1993 में उनकी (कदम की) पत्नी कैसे जल गईं। इस बीच, कदम ने स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी खेड में चूल्हे पर खाना बनाते समय जल गई थीं। उन्होंने कहा कि अपनी पत्नी को बचाने की कोशिश में उन्हें चोटें आई थीं। शिवसेना नेता ने कहा कि वह अपनी पत्नी के बारे में निराधार दावे करने के लिए परब के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
अनिल परब ने दागे सवाल पर सवालअनिल परब ने आश्चर्य जताया कि अगर कदम को लगता है कि उद्धव ठाकरे एक बुरे व्यक्ति हैं, तो वह 2014-19 में पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार में (अविभाजित) शिवसेना से मंत्री बनने के लिए क्यों सहमत हुए। परब ने याद दिलाया कि 2019 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना (अविभाजित) ने ही कदम के बेटे योगेश को मैदान में उतारा था। वह अब फडणवीस सरकार में मंत्री हैं।
रामदास कदम ने बाल ठाकरे को लेकर क्या कहाशिवसेना की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए रामदास कदम ने कहा था कि शिवसेना प्रमुख (बाल ठाकरे) का निधन कब हुआ? शिवसेना प्रमुख का पार्थिव शरीर दो दिन तक मातोश्री में क्यों रखा गया? मैं आठ दिन तक मातोश्री में एक बेंच पर सोया था (जब बाल ठाकरे गंभीर रूप से बीमार थे)। उन्होंने उद्धव ठाकरे से जवाब मांगा है। शिवसेना (यूटीबी) नेताओं ने कदम के आरोपों को निराधार बताया है।
संजय राउत ने उठाए सवालशिवसेना (यूटीबी) सांसद संजय राउत ने कहा कि कदम कभी भी भरोसेमंद व्यक्ति नहीं रहे, तब भी नहीं जब वह अविभाजित शिवसेना का हिस्सा थे। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने उन्हें दो बार विधानपरिषद के लिए जिताया। नीलम गोरहे और कदम ने पार्टी में क्या योगदान दिया है? उन्हें उद्धव ठाकरे का आभारी होना चाहिए। कदम के बेटे वर्तमान में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में गृह राज्य मंत्री हैं।
राउत ने कहा, 'मैं बालासाहेब के अंतिम क्षणों में मौजूद था। कदम का दावा इस बात का उदाहरण है कि पद और पैसे के लिए कोई व्यक्ति कितना गिर सकता है। जो लोग पार्टी छोड़ चुके हैं, वे कभी भी बालासाहेब के प्रति निष्ठावान नहीं रह सकते या उन्हें अपना मार्गदर्शक नहीं मान सकते।'
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