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नए युद्ध क्षेत्र के केंद्र में कौन? आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने नेशनल सिक्योरिटी पर Gen Z को लेकर कह दी बड़ी बात

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नई दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने यंग लीडर्स फोरम में युवाओं को देश की सुरक्षा चुनौतियों और नए युद्ध क्षेत्र का केंद्र बताया। उन्होंने पारंपरिक दुश्मनी, आतंकवाद, प्रॉक्सी वॉर और अंदरूनी ताने-बाने को तोड़ने वाली 'गलत सूचना' को बड़ी चुनौती बताया। सेना प्रमुख ने कहा कि युद्ध अब तेजी से 'नॉन-काइनेटिक' और 'नॉन-कॉन्टैक्ट' होता जा रहा है। ऐसे में, इसमें बौद्धिक और तकनीकी तैयारी जरूरी है।

यंग लीडर्स फोरम के दौरान, आर्मी चीफ, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि हमारे पास मौके बहुत अधिक हैं... लेकिन, चुनौतियां भी उतनी ही हैं। सबसे पहले, हमें पारंपरिक दुश्मनी और मिलीभगत वाले खतरों का सामना करना पड़ता है। इससे 2.5 से अधिक फ्रंट पर चुनौतियां खड़ी होती हैं। दूसरा, आतंकवाद, प्रॉक्सी वॉर और अंदरूनी खतरे अभी भी मौजूद हैं। तीसरा, ऐसे गलत सूचना फैलाने वाले कैंपेन हैं जो हमारे सामाजिक ताने-बाने को अंदर से तोड़ने की कोशिश करते हैं।


नए युद्ध क्षेत्र के केंद्र में कौन?
सेना प्रमुख ने कहा कि इसलिए, युद्ध तेजी से नॉन-काइनेटिक और नॉन-कॉन्टैक्ट होता जा रहा है... इसके लिए सिर्फ हथियारों की ताकत ही नहीं, बल्कि बौद्धिक, तकनीकी और नैतिक तैयारी की भी जरूरत है। सेना प्रमुख ने कहा कि यह पीढ़ी, हमारी Gen Z, दुनिया में सबसे बड़ी है... यह इस नए युद्ध क्षेत्र के केंद्र में खड़ी है।



जनरल द्विवेदी ने कहा कि डिजिटली माहिर, सामाजिक रूप से जागरूक, और विश्व स्तर पर कनेक्टेड, वे अनुशासन और दिशा से निर्देशित होकर भारत की सबसे बड़ी ताकत हैं। यही जुनून और मकसद का मेल है... हम, वर्दी पहने हुए पुरुष और महिलाएं, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में आप पर निर्भर हैं।

आर्मी चीफ की युवाओं से अपील
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि मैं अपने युवाओं से कुछ करने की अपील करना चाहता हूं और अपने अनुभव से मिली कुछ बातें आपके साथ शेयर करना चाहता हूं। सबसे पहले, आपकी ड्यूटी वही है जो आप उसे मानते हैं... आपको आज और खुद से ही शुरुआत करनी होगी।


आर्मी चीफ ने कहा कि दूसरा, आविष्कार और इनोवेशन मुश्किलों से ही निकलते हैं। अधिक आरामदायक न बनें और बहुत सारे रिसोर्स न ढूंढें... तीसरा, नेशनल सिक्योरिटी सिर्फ बॉर्डर पर मौजूद सैनिकों के बारे में नहीं है। यह उन नागरिकों और युवाओं के बारे में भी है जो लापरवाह होने से इनकार करते हैं।

चौथा, बेहतरीन बनने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। हर चुनौती को एक मौके के तौर पर लेना होगा... मैं हर युवा भारतीय से अपील करता हूं कि वह यूनिफॉर्म के साथ या उसके बिना नेशनल सिक्योरिटी मिशन में शामिल हों, टेक्नोलॉजी बनाएं, पॉलिसी बनाएं और जागरूकता फैलाएं।

कौन तय करेगा देश की रिफॉर्म थीम?
इससे पहले आर्मी चीफ, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पहली बार, यूथ लीडर्स फोरम एक प्री-इवेंट के तौर पर आयोजित किया जा रहा है, खासकर देश के युवाओं के लिए, जो एक मजबूत, सुरक्षित और विकसित भारत को बदलने के लिए बड़े रिफॉर्म की थीम तय करेगा... भारत के इतिहास में कई हीरो हैं जो इसके युवा बेटों और बेटियों के साहस और पक्के इरादे का सबूत हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जो साबित करते हैं कि उम्र कभी भी योगदान को सीमित नहीं करती... हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में, आप में से कई लोग एक्टिव रूप से शामिल रहे होंगे। सेना प्रमुख ने कहा कि कुछ युवा मिलिट्री ऑफिसर हैं, कुछ NCC कैडेट हैं, कुछ सिविल डिफेंस में हैं, कुछ ड्रोन लैब में हैं, और कुछ सोशल मीडिया वॉरियर्स हैं... हमारे स्किल्ड ह्यूमन रिसोर्स हमारी ताकत के सबसे बड़े साधनों में से एक हैं।
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