लेकिन हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें महिला ने न तो चार महीने तक न तो किसी गायनेकोलॉजिस्ट को दिखाया और न ही कोई जांच करवाई। औरत की यह लापरवाही उसके बच्चे पर बेहद भारी पड़ गई।
दसअरल जब महिला की डिलीवरी हुई, तो नवजात में एक जन्मजात विकृति पाई गई, जिसे देखकर खुद माता-पिता भी हैरान रह गए। डॉक्टर समरा ने इस घटना की जानकारी अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर दी है।
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रीढ़ की हड्डी थी बाहर

डॉक्टर समरा मसूद बताती हैं कि, ‘हाल ही में मेरे पास एक महिला आईं जो लेबर पेन में थीं। जब उनकी डिलीवरी हुई, तो पता चला कि नवजात में एक गंभीर जन्मजात विकृति है- उसकी रीढ़ की हड्डी (स्पाइनल कॉर्ड) शरीर के बाहर थी। यह एक दुर्लभ और जटिल स्थिति है, जिसमें बच्चे का सर्वाइवल बहुत ही कम होता है।
सांकेतिक तस्वीर
महिला ने 4 महीने तक नहीं कराया चेकअप
डॉक्टर आगे बताती हैं कि उस महिला ने प्रेग्नेंसी के पांचवें महीने तक कोई दवा नहीं ली थी। वह चौथे महीने में ही पहली बार डॉक्टर के पास गई, यह सोचकर कि सोनोग्राफी करानी होगी तभी डॉक्टर से दिखाएंगी।
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बच्चे की करनी पड़ेगी सर्जरी
डॉक्टर कहती हैं कि अब उस बच्चे की सर्जरी करनी पड़ेगी, लेकिन इसके बावजूद भी यह कहना मुश्किल है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ जीवन जी पाएगा या नहीं।’
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जन्मजात विकृतियों से बचाने में मिलती है मदद
स्त्री रोग विशेषज्ञ बताती हैं कि फोलिक एसिड की टैबलेट प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर से ही लेना शुरू कर देनी चाहिए। यह दवा गर्भ में पल रहे शिशु को जन्मजात विकृतियों से बचाने में बेहद मददगार होती है।
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third month bleeding

डॉक्टर कहती हैं कि, ‘मैं सभी प्रेग्नेंट महिलाओं से यही कहना चाहती हूं कि गर्भावास्था में फोलिक एसिड की टैबलेट लेना कभी न भूलें। पहले ट्राइमेस्टर में ही डॉक्टर से जरूर मिलें, ताकि इस टैबलेट को समय से शुरू किया जा सके।
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डिस्क्लेमर: लेख में दिए गए जानकारी पूरी तरह इंस्टाग्राम रील पर आधारित है। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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