चंडीगढ़: हरियाणा की सियासत में चौटाला परिवार के एक साथ आने की चर्चाएं फिर से गरम हो गई है। करीब सात साल पहले हुए अलग हुए चौटाला भाइयों के बीच सुलह की संभावना दिख रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला ने अपने छोटे भाई अभय सिंह चौटाला से सुलह के संकेत दिए हैं। अजय ने यह बयान अपने चाचा एवं पूर्व मंत्री रणजीत सिंह चौटाला की सलाह के बाद दिया है। भिवानी में मीडिया से बातचीत करते हुए अजय सिंह चौटाला ने कहा रणजीत सिंह जी हमारे परिवार के बुजुर्ग और मुखिया हैं। अगर वो पहल करते हैं तो मैं परिवार के पुनर्मिलन का समर्थन करूंगा। उनका यह बयान खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि कुछ समय पहले तक अजय खुद कह चुके थे कि पुनर्मिलन का अध्याय अब बंद हो चुका है।
क्यों अलग हुए दोनों भाई
बता दें कि हरियाणा की राजनीति में चौटाला परिवार का नाम दशकों से एक प्रभावशाली शक्ति के रूप में रहा है। यह परिवार पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के वंशज हैं, जिनके राजनीतिक आदर्शों पर आज भी कई नेता चलते हैं। लेकिन 7 अक्टूबर 2018 को गोहाना रैली के दौरान आंतरिक मतभेदों ने विवाद का रूप ले लिया और परिवार दो धड़ों में बंट गया। विभाजन के बाद अजय सिंह चौटाला के गुट ने अपने बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठन किया, जबकि अभय सिंह चौटाला ने अपने पिता की पुरानी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल की बागडोर संभाली।
दोनों की पार्टियों का कैसा है हाल
इस पारिवारिक विवाद का असर दोनों दलों की राजनीतिक स्थिति पर स्पष्ट दिखा। 2019 के विधानसभा चुनावों में जहां जननायक जनता पार्टी ने 10 सीटें जीतकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई, वहीं आईएनएलडी सिर्फ एक सीट पर सिमट गई। लेकिन हालिया विधानसभा चुनावों में जननायक जनता पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया और पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई, जबकि आईएनएलडी सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल कर पाई। ऐसे में अब परिवार की एकता की चर्चा को राजनीतिक पुनरुत्थान की संभावित कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि दोनों धड़ों की ओर से औपचारिक बयान अभी नहीं आया है, लेकिन अजय सिंह चौटाला का यह संकेत हरियाणा की राजनीति में एक नए समीकरण की शुरुआत साबित हो सकता है।
क्यों अलग हुए दोनों भाई
बता दें कि हरियाणा की राजनीति में चौटाला परिवार का नाम दशकों से एक प्रभावशाली शक्ति के रूप में रहा है। यह परिवार पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के वंशज हैं, जिनके राजनीतिक आदर्शों पर आज भी कई नेता चलते हैं। लेकिन 7 अक्टूबर 2018 को गोहाना रैली के दौरान आंतरिक मतभेदों ने विवाद का रूप ले लिया और परिवार दो धड़ों में बंट गया। विभाजन के बाद अजय सिंह चौटाला के गुट ने अपने बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठन किया, जबकि अभय सिंह चौटाला ने अपने पिता की पुरानी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल की बागडोर संभाली।
दोनों की पार्टियों का कैसा है हाल
इस पारिवारिक विवाद का असर दोनों दलों की राजनीतिक स्थिति पर स्पष्ट दिखा। 2019 के विधानसभा चुनावों में जहां जननायक जनता पार्टी ने 10 सीटें जीतकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई, वहीं आईएनएलडी सिर्फ एक सीट पर सिमट गई। लेकिन हालिया विधानसभा चुनावों में जननायक जनता पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया और पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई, जबकि आईएनएलडी सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल कर पाई। ऐसे में अब परिवार की एकता की चर्चा को राजनीतिक पुनरुत्थान की संभावित कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि दोनों धड़ों की ओर से औपचारिक बयान अभी नहीं आया है, लेकिन अजय सिंह चौटाला का यह संकेत हरियाणा की राजनीति में एक नए समीकरण की शुरुआत साबित हो सकता है।
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