नई दिल्ली: देर रात तक गुलजार वाले चांदनी चौक में सोमवार शाम के बाद सन्नाटा पसर गया। यूं कहें कि लाल किले की ओर जाने वाली हर सड़क वीरान थी। माहौल में पुलिस के सायरन की गूंज थी। हर तरफ पुलिस, स्पेशल ब्रिगेड की गाड़ियां ही नजर आ रही थीं। वजह: चांदनी चौक के मेट्रो गेट नंबर1 के नजदीक कार में बेहद खतरनाक धमाका। इसके बाद लाल किले से लेकर चांदनी चौक का पूरा मंजर ही बदल गया। धमाके की गूंज कई किलोमीटर के दायरे में यहां ही नहीं दूर तक सुनी गई।
लाल किले के पास सोमवार शाम हुए धमाके ने राजधानी समेत पूरे देश को हिलाकर रख दिया। सफेद रंग की I-20 कार में धमाका इतना जोरदार था कि इसकी गूंज चार किलोमीटर के दायरे में सुनाई दी। घटना के बाद चांदनी चौक पर अफरातफरी मच गई। धुआं छटने के बाद पर लोगों के शरीर के टुकड़े पड़े थे। किसी का हाथ, किसी का पैर तो किसी का धड़ ही अलग हो गया था। चारों तरफ खून के छींटे, शवों के कपड़े, चप्पलें ही नजर था। धमाके के बाद कई अन्य गाड़ियों में आग लग गई। लगभग दो दर्जन से ज्यादा गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। धमाके की गूंज आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय तक सुनाई दी। आईटीओ के आसपास काम करने वाले लोग भी धमाके की आवाज सुनकर बाहर आ गए।
घमाके की खबर पर पहुंचे आला अफसर
इस बीच धमाके की खबर जैसे ही फैली, उसके बाद दिल्ली पुलिस समेत आला अफसर और बाकि सुरक्षा एजेंसियां एक्टिव हो गईं। देखते ही देखते ब्लास्ट वाली जगह चांदनी चौंक लाल किला तक जाने वाले रास्ते को ट्रैफिक पुलिस ने डायवर्ट कर दिया। धमाके की खबर से सड़कों पर अफरातफरी का माहौल था। लाल किला या चांदनी चौक से में फंसे लोग हड़बड़ी में वहां से निकलते दिखे। लोग बदहवास थे। ब्लास्ट वाली जगह पर आधा दर्जन गाड़ियों के तो परखच्चे उड़े थे। उसके पुर्जे 100 मीटर दूर तक फैले थे। जिस कार में कथित धमाका हुआ, उसका गेट लाल किला के गेट पर जाकर गिरा। इस धमाके में जो लोग चपेट में आए उनके शरीर के लोथड़े जगह-जगह बिखरे पड़े दिखे। जिन्हें बटोरना दिल्ली पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए मुश्किल हो रहा था।
बम स्क्वॉड और NSG ने सैंपल लिए
दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा समेत दिल्ली पुलिस का हर बड़ा अफसर घटनास्थल पर मौजूद था। धमाके की तीव्रता और मौके से मिले पुर्जों को देखते हुए कुछ ही देर में मौके पर स्पेशल सेल, एनआईए, इसके बाद NSG की टीमें पहुँच गईं। धमाके में साजिश का पता चल पाए इसके ATS की टीम भी पहुंच गई। जांच के लिए दिल्ली पुलिस के बम स्क्वॉड और NSG को भी मौके पर तैनात किया। घटनास्थल के आसपास लोगों के अंदर दहशत का माहौल फैला। मौके पर हालात इतने भयावह थे कि सायरन बजाती हुई करीब 50 गश्त पुलिस वहां से मुसाफ़िरों को अस्पताल लेकर गई।
ब्लास्ट में क्या हुआ इस्तेमाल
लाल किले के बाहर ताकतवर ब्लास्ट के पीछे किसकी साजिश है, यह पुलिस व अन्य जांच एजेंसियां पता लगाने में जुटी थीं। कार में किस लेवल का विस्फोटक था। यह भी पता लगाया जा रहा है। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि कार में धमाका पिछले हिस्से में हुआ। कार सवार सभी लोगों की मौत हुई। ब्लास्ट के बाद मौके पर कोई गड्ढे नहीं हुए, न किसी घायल के शरीर में कीले या कोई नुकीली चीज चुभी। घटनास्थल पर ऐसा कोई सामान नहीं मिला जो जिससे अनुमान लग सके कि इसमें कौन से चीजों का इस्तेमाल किया गया। ब्लास्ट में आग से चेहरे काले नहीं या शरीर काला नहीं है। सूत्र बता रहे हैं कि ब्लास्ट वाली जगह पर शुरू में कोई केमिकल या पाउडर के निशान नहीं मिले हैं। हालांकि टेरर एंगल से पुलिस का इनकार नहीं है।
लाल किले के पास सोमवार शाम हुए धमाके ने राजधानी समेत पूरे देश को हिलाकर रख दिया। सफेद रंग की I-20 कार में धमाका इतना जोरदार था कि इसकी गूंज चार किलोमीटर के दायरे में सुनाई दी। घटना के बाद चांदनी चौक पर अफरातफरी मच गई। धुआं छटने के बाद पर लोगों के शरीर के टुकड़े पड़े थे। किसी का हाथ, किसी का पैर तो किसी का धड़ ही अलग हो गया था। चारों तरफ खून के छींटे, शवों के कपड़े, चप्पलें ही नजर था। धमाके के बाद कई अन्य गाड़ियों में आग लग गई। लगभग दो दर्जन से ज्यादा गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। धमाके की गूंज आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय तक सुनाई दी। आईटीओ के आसपास काम करने वाले लोग भी धमाके की आवाज सुनकर बाहर आ गए।
घमाके की खबर पर पहुंचे आला अफसर
इस बीच धमाके की खबर जैसे ही फैली, उसके बाद दिल्ली पुलिस समेत आला अफसर और बाकि सुरक्षा एजेंसियां एक्टिव हो गईं। देखते ही देखते ब्लास्ट वाली जगह चांदनी चौंक लाल किला तक जाने वाले रास्ते को ट्रैफिक पुलिस ने डायवर्ट कर दिया। धमाके की खबर से सड़कों पर अफरातफरी का माहौल था। लाल किला या चांदनी चौक से में फंसे लोग हड़बड़ी में वहां से निकलते दिखे। लोग बदहवास थे। ब्लास्ट वाली जगह पर आधा दर्जन गाड़ियों के तो परखच्चे उड़े थे। उसके पुर्जे 100 मीटर दूर तक फैले थे। जिस कार में कथित धमाका हुआ, उसका गेट लाल किला के गेट पर जाकर गिरा। इस धमाके में जो लोग चपेट में आए उनके शरीर के लोथड़े जगह-जगह बिखरे पड़े दिखे। जिन्हें बटोरना दिल्ली पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए मुश्किल हो रहा था।
बम स्क्वॉड और NSG ने सैंपल लिए
दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा समेत दिल्ली पुलिस का हर बड़ा अफसर घटनास्थल पर मौजूद था। धमाके की तीव्रता और मौके से मिले पुर्जों को देखते हुए कुछ ही देर में मौके पर स्पेशल सेल, एनआईए, इसके बाद NSG की टीमें पहुँच गईं। धमाके में साजिश का पता चल पाए इसके ATS की टीम भी पहुंच गई। जांच के लिए दिल्ली पुलिस के बम स्क्वॉड और NSG को भी मौके पर तैनात किया। घटनास्थल के आसपास लोगों के अंदर दहशत का माहौल फैला। मौके पर हालात इतने भयावह थे कि सायरन बजाती हुई करीब 50 गश्त पुलिस वहां से मुसाफ़िरों को अस्पताल लेकर गई।
ब्लास्ट में क्या हुआ इस्तेमाल
लाल किले के बाहर ताकतवर ब्लास्ट के पीछे किसकी साजिश है, यह पुलिस व अन्य जांच एजेंसियां पता लगाने में जुटी थीं। कार में किस लेवल का विस्फोटक था। यह भी पता लगाया जा रहा है। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि कार में धमाका पिछले हिस्से में हुआ। कार सवार सभी लोगों की मौत हुई। ब्लास्ट के बाद मौके पर कोई गड्ढे नहीं हुए, न किसी घायल के शरीर में कीले या कोई नुकीली चीज चुभी। घटनास्थल पर ऐसा कोई सामान नहीं मिला जो जिससे अनुमान लग सके कि इसमें कौन से चीजों का इस्तेमाल किया गया। ब्लास्ट में आग से चेहरे काले नहीं या शरीर काला नहीं है। सूत्र बता रहे हैं कि ब्लास्ट वाली जगह पर शुरू में कोई केमिकल या पाउडर के निशान नहीं मिले हैं। हालांकि टेरर एंगल से पुलिस का इनकार नहीं है।
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