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डिएगो गार्सिया बेस... चागोस में भारत की पैठ कैसे होगी मजबूत, ये तस्वीर बता रही है

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नई दिल्ली: भारत ने मॉरीशस के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है, इसमें पोर्ट लुइस में बंदरगाह के पुनर्विकास और चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र के विकास जैसे समझौते शामिल हैं। यह क्षेत्र हिंस महासागर में है और यहां अमेरिका-ब्रिटेन का डिएगो गार्सिया सैन्य अड्डा भी है। पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम की वाराणसी से मुलाकात के बाद यह घोषणा हुई।



भारत और मॉरीशस के बीच बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, समुद्री सुरक्षा और रक्षा तैयारी को बेहतर बनाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे हिंद महासागर और चागोस में भारत की पैठ मजबूत होगी। इस पैकेज में 25 मिलियन डॉलर की सहायता और 680 मिलियन डॉलर की परियोजना शामिल है।



मॉरीशस की जरूरतों को पूरा करेगा पैकेज

पीएम मोदी ने इस मुलाकात के दौरान कहा, यह पैकेज मॉरीशस की जरूरतों को पूरा करेगा। इसमें चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र, हवाई अड्डे पर एटीसी टॉवर और राजमार्गों का विस्तार शामिल है। उन्होंने कहा, यह पैकेज सहायता नहीं है, यह हमारे साझा भविष्य में निवेश है। उन्होंने यह भी कहा कि मॉरीशस भारत के लिए परिवार जैसा है, भागीदार नहीं।







दोनों देशों ने हाइड्रोग्राफी के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। अगले पांच वर्षों में, वे संयुक्त सर्वेक्षण, नेविगेशन चार्ट और मॉरीशस के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के हाइड्रोग्राफिक डेटा पर काम करेंगे।



समुद्री संशाधनों में भारत करेगा मॉरीशस की मदद

बिट्रेन के साथ हाल में हुई संधि के बाद चागोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस की संप्रभुता स्थापित होने के बाद, मॉरीशस के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र का काफी विस्तार हुआ है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि मॉरीशस अपने हितों की रक्षा के लिए भारत को अपना पसंदीदा भागीदार मानता है। उन्होंने कहा कि मॉरीशस को समुद्री संसाधनों की आवश्यकता है और भारत उसकी मदद करेगा।







भारत ने चागोस की संप्रभुता मॉरीशस को हस्तांतरित करने का समर्थन किया था। इस समझौते के तहत ब्रिटेन को डिएगो गार्सिया द्वीप पर नियंत्रण रखने की अनुमति दी गई है। यहां से ब्रिटेन और अमेरिका एक महत्वपूर्ण सैन्य अड्डा चलाते हैं।



ब्रिटेन के प्रस्ताव को ठुकराया

मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम ने भारत के समर्थन की सराहना की। उन्होंने कहा, हम चागोस द्वीप समूह, जिसमें डिएगो गार्सिया भी शामिल है, पर जाकर अपना झंडा फहराना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ब्रिटेन ने हमें एक जहाज की पेशकश की, लेकिन हमने कहा कि हम भारत से एक जहाज लेना पसंद करेंगे क्योंकि यह प्रतीकात्मक रूप से अधिक सार्थक होगा।



वहीं पीएम मोदी ने रामगुलाम को चागोस समझौते के लिए बधाई दी। उन्होंने इसे मॉरीशस की संप्रभुता के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, भारत ने हमेशा उपनिवेशवाद को खत्म करने और मॉरीशस की संप्रभुता को पूरी तरह से मान्यता देने का समर्थन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मॉरीशस भारत की Neighbourhood First Policy और वीजन महासागर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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