मुंगेर: बिहार में मुंगेर जिले की तारापुर विधानसभा सीट पर वोटिंग जारी है। यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी नेता सह बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और राजद के अरुण साह के बीच है। जन सुराज पार्टी ने यहां से डॉ संतोष सिंह को मैदान में उतारा है। आज बिहार चुनाव 2025 के पहले फेज में 3,06,333 वोटर तारापुर के अगले विधायक का फैसला करेंगे। बिहार के मुंगेर जिले का एक प्रमुख अनुमंडल स्तरीय कस्बा तारापुर इतिहास, संस्कृति, आस्था और राजनीति के कई रंगों को समेटे हुए है। तारापुर विधानसभा क्षेत्र जमुई लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। तारापुर विधानसभा क्षेत्र में असरगंज, टेटिहा बम्बर, संग्रामपुर और खड़गपुर ब्लॉक की आठ ग्राम पंचायतें शामिल हैं। 1951 में स्थापित इस क्षेत्र ने 19 बार विधायक चुने हैं, जिनमें दो उपचुनाव शामिल हैं।
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तारापुर विधानसभा में इतनी पंचायतें
इस क्षेत्र की राजनीतिक विशेषता यहां की ओबीसी आबादी, खासकर कुशवाहा समुदाय का प्रभाव है। यहां से चुने गए अधिकांश विधायक इसी जाति से रहे हैं, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हों। कांग्रेस ने पांच, जदयू ने छह (दो बार समता पार्टी के रूप में) और आरजेडी ने तीन बार जीत हासिल की। अन्य दलों जैसे संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, शोषित दल, जनता पार्टी, सीपीआई और एक निर्दलीय ने भी एक-एक बार जीत दर्ज की। 2021 के उपचुनाव समेत दो इलेक्शन में जदयू और राजद के बीच जीत का अंतर करीब 2 से 4 प्रतिशत रहा है। इस सीट पर 2010 के बाद से जदयू का कब्जा रहा है। इस दफे क्या होगा, इसका फैसला जनता ने ईवीएम में देकर बंद कर दिया है। अब देखना यही है कि तारापुर से सम्राट चौधरी बिहार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर पाते हैं या नहीं, वैसे भी अब ज्यादा दिन बाकी नहीं हैं, 14 नवंबर को वोटों की गिनती के साथ ही ये भी साफ हो जाएगा।
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तारापुर विधानसभा में इतनी पंचायतें
इस क्षेत्र की राजनीतिक विशेषता यहां की ओबीसी आबादी, खासकर कुशवाहा समुदाय का प्रभाव है। यहां से चुने गए अधिकांश विधायक इसी जाति से रहे हैं, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हों। कांग्रेस ने पांच, जदयू ने छह (दो बार समता पार्टी के रूप में) और आरजेडी ने तीन बार जीत हासिल की। अन्य दलों जैसे संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, शोषित दल, जनता पार्टी, सीपीआई और एक निर्दलीय ने भी एक-एक बार जीत दर्ज की। 2021 के उपचुनाव समेत दो इलेक्शन में जदयू और राजद के बीच जीत का अंतर करीब 2 से 4 प्रतिशत रहा है। इस सीट पर 2010 के बाद से जदयू का कब्जा रहा है। इस दफे क्या होगा, इसका फैसला जनता ने ईवीएम में देकर बंद कर दिया है। अब देखना यही है कि तारापुर से सम्राट चौधरी बिहार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर पाते हैं या नहीं, वैसे भी अब ज्यादा दिन बाकी नहीं हैं, 14 नवंबर को वोटों की गिनती के साथ ही ये भी साफ हो जाएगा।
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