नई दिल्लीः ईस्ट, वेस्ट और नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के लिए सिग्नल फ्री कॉरिडोर का प्लान सरकार तैयार कर रही है। मुनक नहर पर इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन तक जो 20 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर का प्लान बनाया गया है, उसी प्लान में अब 4 किमी लंबी एक टनल निर्माण का प्रस्ताव भी शामिल किया जा रहा है। ताकि नॉर्थ दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाकों से बस अड्डा तक पहुंचने की राह आसान हो सके।
इसके अलावा जो लोग बस अड्डे के रास्ते आउटर रिंग रोड नॉर्थ और नॉर्थ-वेस्ट और हरियाणा जाएंगे, उन्हें भी एक वैकल्पिक रास्ता मिलेगा। यह भी प्लान किया जा रहा है कि प्रस्तावित टनल ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से भी कनेक्ट की जाए, ताकि पूर्वी दिल्ली के लोगों के लिए भी नॉर्थ और नॉर्थ वेस्ट दिल्ली आने-जाने का रास्ता सुगम हो सके। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर 19 किमी प्रस्तावित है. जो आनंद विहार बस अड्डे से जखीरा तक बनाया जाना है।
20 किमी लंबी एलिवेटेड कॉरिडोर का प्लान पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह के अनुसार, शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ दिल्ली को डीकन्जेस्ट करने के प्लान पर चर्चा हुई। मुनक नहर पर बवाना-नरेला रोड से इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन तक करीब 20 किमी लंबी एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण का प्लान है। इसी प्लान में इंद्रलोक से कश्मीरी गेट बस अड्डे तक करीब 4 किमी लंबी टनल निर्माण का प्लान भी बनाया गया है।
टनल से कनेक्ट करने पर विचारमंत्री के अनुसार ईस्ट से वेस्ट दिल्ली आने-जाने के लिए पहले से ही ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का प्लान है। सिग्नल फ्री इस कॉरिडोर को भी टनल से कनेक्ट करने का विचार चल रहा है। कॉरिडोर आनंद विहार से जखीरा (दया बस्ती रेलवे स्टेशन) तक प्रस्तावित है। टनल भी लगभग यही से बनाने का प्लान है। इसलिए टनल व ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के तहत बनने वाले टनल दोनों को कनेक्ट करने के फिजिबिलिटी स्टडी करने को कहा गया है।
कश्मीरी गेट जाना होगा आसानप्रवेश साहिब सिंह के अनुसार यह कॉरिडोर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से कश्मीरी गेट तक की यात्रा का समय लगभग 40% तक कम कर सकता है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद रोहतक रोड, पुरानी दिल्ली और नॉर्थ दिल्ली की इंटरनल रोड पर वर्तमान में जो ट्रैफिक भार है, उसका दबाव भी कम होगा। कॉरिडोर न केवल नॉर्थ ईस्ट और नॉर्थ वेस्ट, बल्कि हरियाणा से आने वाले लोगों को भी बड़ी राहत देगा।
इसके अलावा जो लोग बस अड्डे के रास्ते आउटर रिंग रोड नॉर्थ और नॉर्थ-वेस्ट और हरियाणा जाएंगे, उन्हें भी एक वैकल्पिक रास्ता मिलेगा। यह भी प्लान किया जा रहा है कि प्रस्तावित टनल ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से भी कनेक्ट की जाए, ताकि पूर्वी दिल्ली के लोगों के लिए भी नॉर्थ और नॉर्थ वेस्ट दिल्ली आने-जाने का रास्ता सुगम हो सके। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर 19 किमी प्रस्तावित है. जो आनंद विहार बस अड्डे से जखीरा तक बनाया जाना है।
20 किमी लंबी एलिवेटेड कॉरिडोर का प्लान पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह के अनुसार, शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ दिल्ली को डीकन्जेस्ट करने के प्लान पर चर्चा हुई। मुनक नहर पर बवाना-नरेला रोड से इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन तक करीब 20 किमी लंबी एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण का प्लान है। इसी प्लान में इंद्रलोक से कश्मीरी गेट बस अड्डे तक करीब 4 किमी लंबी टनल निर्माण का प्लान भी बनाया गया है।
टनल से कनेक्ट करने पर विचारमंत्री के अनुसार ईस्ट से वेस्ट दिल्ली आने-जाने के लिए पहले से ही ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का प्लान है। सिग्नल फ्री इस कॉरिडोर को भी टनल से कनेक्ट करने का विचार चल रहा है। कॉरिडोर आनंद विहार से जखीरा (दया बस्ती रेलवे स्टेशन) तक प्रस्तावित है। टनल भी लगभग यही से बनाने का प्लान है। इसलिए टनल व ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के तहत बनने वाले टनल दोनों को कनेक्ट करने के फिजिबिलिटी स्टडी करने को कहा गया है।
कश्मीरी गेट जाना होगा आसानप्रवेश साहिब सिंह के अनुसार यह कॉरिडोर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से कश्मीरी गेट तक की यात्रा का समय लगभग 40% तक कम कर सकता है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद रोहतक रोड, पुरानी दिल्ली और नॉर्थ दिल्ली की इंटरनल रोड पर वर्तमान में जो ट्रैफिक भार है, उसका दबाव भी कम होगा। कॉरिडोर न केवल नॉर्थ ईस्ट और नॉर्थ वेस्ट, बल्कि हरियाणा से आने वाले लोगों को भी बड़ी राहत देगा।
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