नागपुर: प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष बच्चू कडू और उनके कार्यकर्ताओं ने किसानों की कर्ज माफी की मांग को लेकर नागपुर में जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रहार कार्यकर्ताओं ने नागपुर-मुंबई रेलवे लाइन और वर्धा रोड यानी एनएस-44 पर विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रशासन को चेतावनी दी है कि जब तक सरकार किसानों के संबंध में कोई ठोस फैसला नहीं ले लेती, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। हालांकि, इस बीच बच्चू कडू के विरोध प्रदर्शन को लेकर अदालत में स्वतः संज्ञान लिया है। नागपुर बेंच ने धरना स्थल खाली करने का आदेश दिया है। सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर राज्य मंत्री आशीष जायसवाल नागपुर पहुंच चुके हैं।
अदालत ने लिया स्वत संज्ञान
समाचार पत्रों की खबरों का हवाला देते हुए जस्टिस रजनीश व्यास ने कहा कि प्रदर्शन के कारण 20 किलोमीटर तक ट्रैफिक जाम हो गया है और यहां तक कि एंबुलेंस और पुलिस वाहनों की भी आवाजाही नहीं हो पा रही हैं। न्यायाधीश ने कहा कि नागपुर एयरपोर्ट और राष्ट्रीय कैंसर संस्थान तक पहुंचने के लिए राजमार्ग का इस्तेमाल किया जाना आवश्यक है।
लोगों की अधिकारों का हो रहा हनन
अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने एक सार्वजनिक सड़क को जाम कर दिया है। जो भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमने के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। अदालत ने कडू को राजमार्ग और अन्य सड़कों से अपने समर्थकों को हटाने के लिए कहा। सुनवाई के दौरान सरकार का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता देवेंद्र चौहान ने किया।
मामले की अगली सुनवाई कब?
इस मामले की अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी। कडू एक ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व कर रहे हैं। यह रैली सोमवार को अमरावती जिले के चंदूरबाजार से शुरू हुई थी।
पहले किया रेलवे ट्रैक जाम
दरअसल बुधवार सुबह से ही बड़ी संख्या में प्रहार कार्यकर्ता नागपुर-मुंबई रेलवे लाइन पर जमा हो गए। कार्यकर्ताओं ने किसानों की आत्महत्या, कर्जमाफी में देरी और कृषि उपज का उचित मूल्य न मिलने के मुद्दे पर अपना गुस्सा जाहिर किया। आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर उतर आए हैं और नागपुर-मुंबई मुख्य लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी है। इससे नागपुर से मुंबई और विदर्भ के अन्य शहरों के लिए रेल यातायात प्रभावित हुआ है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विदर्भ में
प्रहार संगठन के नेता बच्चू कडू ने साफ तौर पर कहा कि सरकार अब किसानों के मुद्दों को नजरअंदाज नहीं कर सकती। हम मुंबई नहीं जाएंगे। इसके बजाय सरकार को नागपुर आकर यहीं बातचीत के जरिए फैसला लेना चाहिए। राज्य सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विदर्भ से होने के बावजूद सरकार विदर्भ के किसानों को न्याय दिलाने में विफल रही है। बच्चू कडू ने आगे कहा कि सरकार को किसानों की कर्जमाफी के संबंध में आज ही कोई ठोस घोषणा करनी चाहिए। अन्यथा, आंदोलन को और तेज किया जाएगा और राज्य भर में रेल यातायात रोकने का निर्णय लिया जाएगा।
अभी कैसे हालात?
इस बीच स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने भारी सुरक्षा तैनात कर दी है। आंदोलनकारियों से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद वे पीछे हटने को तैयार नहीं थे। हालांकि, अनुरोध के बाद आंदोलनकारियों को रेलवे पटरियों से हटा दिया गया। प्रहार संगठन के इस आंदोलन से नागपुर शहर में तनावपूर्ण माहौल बन गया है और किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा एक बार फिर राज्य की राजनीति के केंद्र में आ गया है। सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन आंदोलन को रोकने के लिए बातचीत की संभावना जताई जा रही है।
अदालत ने लिया स्वत संज्ञान
समाचार पत्रों की खबरों का हवाला देते हुए जस्टिस रजनीश व्यास ने कहा कि प्रदर्शन के कारण 20 किलोमीटर तक ट्रैफिक जाम हो गया है और यहां तक कि एंबुलेंस और पुलिस वाहनों की भी आवाजाही नहीं हो पा रही हैं। न्यायाधीश ने कहा कि नागपुर एयरपोर्ट और राष्ट्रीय कैंसर संस्थान तक पहुंचने के लिए राजमार्ग का इस्तेमाल किया जाना आवश्यक है।
लोगों की अधिकारों का हो रहा हनन
अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने एक सार्वजनिक सड़क को जाम कर दिया है। जो भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमने के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। अदालत ने कडू को राजमार्ग और अन्य सड़कों से अपने समर्थकों को हटाने के लिए कहा। सुनवाई के दौरान सरकार का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता देवेंद्र चौहान ने किया।
मामले की अगली सुनवाई कब?
इस मामले की अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी। कडू एक ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व कर रहे हैं। यह रैली सोमवार को अमरावती जिले के चंदूरबाजार से शुरू हुई थी।
पहले किया रेलवे ट्रैक जाम
दरअसल बुधवार सुबह से ही बड़ी संख्या में प्रहार कार्यकर्ता नागपुर-मुंबई रेलवे लाइन पर जमा हो गए। कार्यकर्ताओं ने किसानों की आत्महत्या, कर्जमाफी में देरी और कृषि उपज का उचित मूल्य न मिलने के मुद्दे पर अपना गुस्सा जाहिर किया। आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर उतर आए हैं और नागपुर-मुंबई मुख्य लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी है। इससे नागपुर से मुंबई और विदर्भ के अन्य शहरों के लिए रेल यातायात प्रभावित हुआ है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विदर्भ में
प्रहार संगठन के नेता बच्चू कडू ने साफ तौर पर कहा कि सरकार अब किसानों के मुद्दों को नजरअंदाज नहीं कर सकती। हम मुंबई नहीं जाएंगे। इसके बजाय सरकार को नागपुर आकर यहीं बातचीत के जरिए फैसला लेना चाहिए। राज्य सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विदर्भ से होने के बावजूद सरकार विदर्भ के किसानों को न्याय दिलाने में विफल रही है। बच्चू कडू ने आगे कहा कि सरकार को किसानों की कर्जमाफी के संबंध में आज ही कोई ठोस घोषणा करनी चाहिए। अन्यथा, आंदोलन को और तेज किया जाएगा और राज्य भर में रेल यातायात रोकने का निर्णय लिया जाएगा।
अभी कैसे हालात?
इस बीच स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने भारी सुरक्षा तैनात कर दी है। आंदोलनकारियों से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद वे पीछे हटने को तैयार नहीं थे। हालांकि, अनुरोध के बाद आंदोलनकारियों को रेलवे पटरियों से हटा दिया गया। प्रहार संगठन के इस आंदोलन से नागपुर शहर में तनावपूर्ण माहौल बन गया है और किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा एक बार फिर राज्य की राजनीति के केंद्र में आ गया है। सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन आंदोलन को रोकने के लिए बातचीत की संभावना जताई जा रही है।
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