CBSE AI Education New System: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई ) ने स्कूली शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का ड्रॉफ्ट करिकुलम तैयार कर लिया है। सीबीएसई ने कक्षा 3 से लेकर 12वीं तक हर क्लास का एआई कोर्स तैयार किया गया है। सीबीएसई ने एआई करिकुलम का ड्राफ्ट एनसीईआरटी को भेज दिया है।
एनसीईआरटी के सूत्रों का कहना है कि सीबीएसई की ओर से ड्रॉफ्ट मिला है और अब एनसीईआरटी की विशेषज्ञ कमेटी बनाई जा रही है। यह कमेटी एआई कोर्स के ड्रॉफ्ट पर अंतिम फैसला लेगी। ड्रॉफ्ट में क्या- क्या बदलाव होंगे, इस पर फैसला लिया जाएगा और उसके बाद करिकुलम तैयार हो जाएगा।
एआई और कम्प्यूटेशनल थिंकिंगशिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने एआई और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग को आगे बढ़ाने के लिए तीसरी क्लास से ही एआई की पढ़ाई शुरू करवाने का फैसला लिया है। अंतरराष्ट्रीय स्कूल बोर्डों का विश्लेषण भी किया जा रहा है लेकिन नया कोर्स तैयार देश में स्कूली शिक्षा की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। एआई को और करीब से समझने के लिए NBT Upskill's AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप मदद कर सकती है। सीट बुक करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं।
अप्रैल 2026 से पहले शुरू होगी टीचर्स की AI ट्रेनिंगशिक्षा मंत्रालय ने दिसंबर 2025 तक रिसोर्स मटेरियल, हैंडबुक और डिजिटल रिसोर्स तैयार करने का लक्ष्य रखा है। करिकुलम को लेकर एनसीईआरटी की एआई कमेटी हर क्लास की जरूरत को ध्यान में रखते हुए फैसला लेगी। एनसीईआरटी द्वारा जब करिकुलम को अंतिम रूप दिया जाएगा तो उसके बाद टीचर्स की ट्रेनिंग भी शुरू होगी। अप्रैल 2026 सेशन शुरू होने से पहले टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी।
राज्य शिक्षा बोर्ड के स्टूडेंट्स को भी मिलेगा AI विषय का ऑप्शनसीबीएसई के स्कूलों मे तो 8वीं क्लास से एआई की पढ़ाई का विकल्प दिया जाता है लेकिन राज्यों के शिक्षा बोर्ड में सभी छात्रों को यह विकल्प नहीं मिलता है। अगले वर्ष से देश के हर स्कूल बोर्ड में यह विषय होगा। सीबीएसई ने अपने स्कलों में 2019 में AI विषय की शुरुआत की थी। 2024-25 के सत्र में 4538 स्कूलों के करीब 790999 छात्रों ने 9वीं-10वीं में AI विकल्प का चयन किया था और 944 स्कूलों के 50343 छात्रों ने सीनियर सेकेंडरी स्तर पर यह विषय चुना है।
स्कूली शिक्षा में स्किल विषयों भी कंपलसरी होएनसीईआरटी के संगठन परख की एक रिपोर्ट बताती है कि देश में अभी 10वीं में केवल 9.52 प्रतिशत स्कूल बोर्ड ने ही स्किल सब्जेक्ट को कंपलसरी बनाया है, जबकि 90.48 प्रतिशत स्कूल बोर्ड में यह वैकल्पिक विषय है। शिक्षाविदों का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा स्कूल बोर्ड में स्किल सब्जेक्ट को कंपलसरी बनाना चाहिए।
एम. एम. पब्लिक स्कूल पीतमपुरा की प्रिंसिपल रूमा पाठक का कहना है कि केंद्र सरकार अब स्किल कोर्सेज को ध्यान में रखते हुए नीतियां बना रही है और सीबीएसई के स्कूलों में नए- नए स्किल कोर्सेज का विकल्प छात्रों को दिया जा रहा है। सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर पर छात्र को स्किल सब्जेक्ट पढ़ने चाहिए। पहले वोकेशनल सब्जेक्ट का विकल्प होता था, वहीं अब मार्केट की डिमांड के हिसाब से कोर्सेज को नया रूप दिया गया है।
एनसीईआरटी के सूत्रों का कहना है कि सीबीएसई की ओर से ड्रॉफ्ट मिला है और अब एनसीईआरटी की विशेषज्ञ कमेटी बनाई जा रही है। यह कमेटी एआई कोर्स के ड्रॉफ्ट पर अंतिम फैसला लेगी। ड्रॉफ्ट में क्या- क्या बदलाव होंगे, इस पर फैसला लिया जाएगा और उसके बाद करिकुलम तैयार हो जाएगा।
एआई और कम्प्यूटेशनल थिंकिंगशिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने एआई और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग को आगे बढ़ाने के लिए तीसरी क्लास से ही एआई की पढ़ाई शुरू करवाने का फैसला लिया है। अंतरराष्ट्रीय स्कूल बोर्डों का विश्लेषण भी किया जा रहा है लेकिन नया कोर्स तैयार देश में स्कूली शिक्षा की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। एआई को और करीब से समझने के लिए NBT Upskill's AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप मदद कर सकती है। सीट बुक करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं।
अप्रैल 2026 से पहले शुरू होगी टीचर्स की AI ट्रेनिंगशिक्षा मंत्रालय ने दिसंबर 2025 तक रिसोर्स मटेरियल, हैंडबुक और डिजिटल रिसोर्स तैयार करने का लक्ष्य रखा है। करिकुलम को लेकर एनसीईआरटी की एआई कमेटी हर क्लास की जरूरत को ध्यान में रखते हुए फैसला लेगी। एनसीईआरटी द्वारा जब करिकुलम को अंतिम रूप दिया जाएगा तो उसके बाद टीचर्स की ट्रेनिंग भी शुरू होगी। अप्रैल 2026 सेशन शुरू होने से पहले टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी।
राज्य शिक्षा बोर्ड के स्टूडेंट्स को भी मिलेगा AI विषय का ऑप्शनसीबीएसई के स्कूलों मे तो 8वीं क्लास से एआई की पढ़ाई का विकल्प दिया जाता है लेकिन राज्यों के शिक्षा बोर्ड में सभी छात्रों को यह विकल्प नहीं मिलता है। अगले वर्ष से देश के हर स्कूल बोर्ड में यह विषय होगा। सीबीएसई ने अपने स्कलों में 2019 में AI विषय की शुरुआत की थी। 2024-25 के सत्र में 4538 स्कूलों के करीब 790999 छात्रों ने 9वीं-10वीं में AI विकल्प का चयन किया था और 944 स्कूलों के 50343 छात्रों ने सीनियर सेकेंडरी स्तर पर यह विषय चुना है।
स्कूली शिक्षा में स्किल विषयों भी कंपलसरी होएनसीईआरटी के संगठन परख की एक रिपोर्ट बताती है कि देश में अभी 10वीं में केवल 9.52 प्रतिशत स्कूल बोर्ड ने ही स्किल सब्जेक्ट को कंपलसरी बनाया है, जबकि 90.48 प्रतिशत स्कूल बोर्ड में यह वैकल्पिक विषय है। शिक्षाविदों का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा स्कूल बोर्ड में स्किल सब्जेक्ट को कंपलसरी बनाना चाहिए।
एम. एम. पब्लिक स्कूल पीतमपुरा की प्रिंसिपल रूमा पाठक का कहना है कि केंद्र सरकार अब स्किल कोर्सेज को ध्यान में रखते हुए नीतियां बना रही है और सीबीएसई के स्कूलों में नए- नए स्किल कोर्सेज का विकल्प छात्रों को दिया जा रहा है। सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर पर छात्र को स्किल सब्जेक्ट पढ़ने चाहिए। पहले वोकेशनल सब्जेक्ट का विकल्प होता था, वहीं अब मार्केट की डिमांड के हिसाब से कोर्सेज को नया रूप दिया गया है।
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