एआई ने ग्लोबल लेवल पर प्रोफेशनल लाइफ का पैटर्न बदला है। काम करने के तरीके में काफी हद तक अंतर नजर आने लगा है। मगर यह बात उन युवाओं को नहीं पता है जो आने वाले दिनों में कोर्स पूरा करके नौकरी के सपने देख रहे हैं।
टॉप क्लास परफॉर्मेंस के लिए वर्क पैटर्न में आए बदलावों को समझ लेना चाहिए। इस तरह से ऑफिस में काम करना थोड़ा आसान हो जाएगा। अपनी डिग्री और पढ़ाई से मिली समझ को सही जगह फोकस करने का नजरिया भी विकसित हो सकेगा। एआई के इन बदलावों को समझने और बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने में NBT AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप आपकी काफी मदद कर सकती है। नीचे दिए गए पॉइंट्स से समझें कि एआई काम के तरीकों को किस तरह बदल रहा है।
1. पर्सनलाइज लर्निंगएआई के चलते ऐसे लर्निंग प्लेटफॉर्म भी आ गए हैं जो किसी खास कर्मचारी के हिसाब से लर्निंग की सुविधा देते हैं। दरअसल एआई ने एडेप्टेटिव लर्निंग को बढ़ावा दिया है। इससे कोई भी अपने लिए जरूरी स्किल के हिसाब से ट्रेनिंग या लर्निंग का ऑप्शन चुन सकता है।
2. रोजमर्रा के काम में ऑटोमेशनएआई ने ऑफिस में रोजाना के डेटा वर्क को मैनेज कर लिया है। इससे कई लेवल पर लोगों की जरूरत कम हुई है। जबकि एआई मैनेजमेंट में लोगों की जरूरत बढ़ी है।
3. हायरिंग का तरीकाएआई ने हायरिंग का तरीका भी बदला है। एआई- ड्रिवेन टूल एंट्री के लिए ऑटोमेटेड रेज्यूमे स्क्रीनिंग को जरूरी बना रहे हैं। अब एआई पर ही स्किल मैचिंग करके कैंडिडेट सिलेक्ट किए जाते हैं। इस तरह से नियोक्ता के लिए उम्मीदवार का चुनाव करना आसान हो जाता है।
4. इमोशनल इंटेलिजेंसइमोशनल इंटेलिजेंस, क्रिएटिविटी और क्रिटिकल थिंकिंग जैसे स्किल की मांग अब बढ़ चुकी है। इसकी वजह भी एआई है। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस ने ढेरों टेक्निकल टास्क संभाल लिए हैं। ऐसे में जो काम एआई नहीं कर सकता है उनकी जानकारी रखने वाले कैंडिडेट की जरूरत बढ़ेगी ही।
5. निर्णय क्या होगाकिसी भी काम में सही निर्णय सफलता का पहला कदम माना जाता है। अब यही निर्णय एआई एनालिटिक्स के आधार पर लिए जाते हैं। इससे लोगों के लिए डेटा-ड्रिवेन बिजनेस करना और सही परिणाम पाना थोड़ा आसान हो जाता है।
6. सीखने का नजरियातकनीक की दुनिया लगातार बदलती रहती है इसलिए इसमें सीखने का स्कोप हमेशा बना रहता है। एआई की दुनिया में काम करने के लिए आपको लगातार सीखने के लिए तैयार रहना होगा। ताकि आप दूसरों से पीछे न रह जाएं। ऐसा न करने पर जॉब और अपस्केलिंग के मौके कम होते जाएंगे। इससे तरक्की भी रुकेगी।
7. नौकरी के नए मौकेकरियर के नए एवेन्यू खोलने में भी एआई पीछे नहीं है। प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग ऑपरेशन जैसे करियर ऑप्शन खुल चुके हैं। इनके बारे में लोगों को अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। इनसे जुड़े कोर्स और स्टडी मटेरियल भी कम ही मिलते हैं।
8. बेहतर प्रोडक्टिविटीअब ह्यूमन-एआई कोलेबरेशन बढ़ा है। वर्कर्स अपने काम में एआई असिस्टेंट्स की मदद ले रहे हैं। इससे उनके काम के घंटे कम होते हैं और मेहनत भी बचती है। जबकि फायदा प्रोडक्टिविटी के तौर पर होता है। क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों पर एआई के फायदे नजर आने लगे हैं।
9. इंडस्ट्री-बेस्ड ट्रांस्फॉर्मेशनएआई ने वैसे तो ज्यादातर इंडस्ट्री पर असर डाला है। लेकिन इसकी वजह से कुछ खास फील्ड ज्यादा प्रभावित हुई हैं। हेल्थकेयर, फाइनेंस, शिक्षा और मेन्युफेक्चरिंग के क्षेत्रों में एआई ने काफी बदलाव किए हैं। इस फील्ड में जाने वाले युवा खासतौर पर एआई की अहमियत समझ लें।
टॉप क्लास परफॉर्मेंस के लिए वर्क पैटर्न में आए बदलावों को समझ लेना चाहिए। इस तरह से ऑफिस में काम करना थोड़ा आसान हो जाएगा। अपनी डिग्री और पढ़ाई से मिली समझ को सही जगह फोकस करने का नजरिया भी विकसित हो सकेगा। एआई के इन बदलावों को समझने और बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने में NBT AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप आपकी काफी मदद कर सकती है। नीचे दिए गए पॉइंट्स से समझें कि एआई काम के तरीकों को किस तरह बदल रहा है।
1. पर्सनलाइज लर्निंगएआई के चलते ऐसे लर्निंग प्लेटफॉर्म भी आ गए हैं जो किसी खास कर्मचारी के हिसाब से लर्निंग की सुविधा देते हैं। दरअसल एआई ने एडेप्टेटिव लर्निंग को बढ़ावा दिया है। इससे कोई भी अपने लिए जरूरी स्किल के हिसाब से ट्रेनिंग या लर्निंग का ऑप्शन चुन सकता है।
2. रोजमर्रा के काम में ऑटोमेशनएआई ने ऑफिस में रोजाना के डेटा वर्क को मैनेज कर लिया है। इससे कई लेवल पर लोगों की जरूरत कम हुई है। जबकि एआई मैनेजमेंट में लोगों की जरूरत बढ़ी है।
3. हायरिंग का तरीकाएआई ने हायरिंग का तरीका भी बदला है। एआई- ड्रिवेन टूल एंट्री के लिए ऑटोमेटेड रेज्यूमे स्क्रीनिंग को जरूरी बना रहे हैं। अब एआई पर ही स्किल मैचिंग करके कैंडिडेट सिलेक्ट किए जाते हैं। इस तरह से नियोक्ता के लिए उम्मीदवार का चुनाव करना आसान हो जाता है।
4. इमोशनल इंटेलिजेंसइमोशनल इंटेलिजेंस, क्रिएटिविटी और क्रिटिकल थिंकिंग जैसे स्किल की मांग अब बढ़ चुकी है। इसकी वजह भी एआई है। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस ने ढेरों टेक्निकल टास्क संभाल लिए हैं। ऐसे में जो काम एआई नहीं कर सकता है उनकी जानकारी रखने वाले कैंडिडेट की जरूरत बढ़ेगी ही।
5. निर्णय क्या होगाकिसी भी काम में सही निर्णय सफलता का पहला कदम माना जाता है। अब यही निर्णय एआई एनालिटिक्स के आधार पर लिए जाते हैं। इससे लोगों के लिए डेटा-ड्रिवेन बिजनेस करना और सही परिणाम पाना थोड़ा आसान हो जाता है।
6. सीखने का नजरियातकनीक की दुनिया लगातार बदलती रहती है इसलिए इसमें सीखने का स्कोप हमेशा बना रहता है। एआई की दुनिया में काम करने के लिए आपको लगातार सीखने के लिए तैयार रहना होगा। ताकि आप दूसरों से पीछे न रह जाएं। ऐसा न करने पर जॉब और अपस्केलिंग के मौके कम होते जाएंगे। इससे तरक्की भी रुकेगी।
7. नौकरी के नए मौकेकरियर के नए एवेन्यू खोलने में भी एआई पीछे नहीं है। प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग ऑपरेशन जैसे करियर ऑप्शन खुल चुके हैं। इनके बारे में लोगों को अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। इनसे जुड़े कोर्स और स्टडी मटेरियल भी कम ही मिलते हैं।
8. बेहतर प्रोडक्टिविटीअब ह्यूमन-एआई कोलेबरेशन बढ़ा है। वर्कर्स अपने काम में एआई असिस्टेंट्स की मदद ले रहे हैं। इससे उनके काम के घंटे कम होते हैं और मेहनत भी बचती है। जबकि फायदा प्रोडक्टिविटी के तौर पर होता है। क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों पर एआई के फायदे नजर आने लगे हैं।
9. इंडस्ट्री-बेस्ड ट्रांस्फॉर्मेशनएआई ने वैसे तो ज्यादातर इंडस्ट्री पर असर डाला है। लेकिन इसकी वजह से कुछ खास फील्ड ज्यादा प्रभावित हुई हैं। हेल्थकेयर, फाइनेंस, शिक्षा और मेन्युफेक्चरिंग के क्षेत्रों में एआई ने काफी बदलाव किए हैं। इस फील्ड में जाने वाले युवा खासतौर पर एआई की अहमियत समझ लें।
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