लाइव हिंदी खबर :- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि भारत की आज़ादी की लड़ाई केवल राजनीतिक आंदोलन नहीं थी, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जागरण से भी प्रेरित थी। उन्होंने कहा कि हमारे संन्यासी और संतों ने ही ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध आंदोलन की नींव रखी थी।

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज हमारे कई वक्ता अपने-अपने विचार रख चुके हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं, वर्ष 1875 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने हमारा राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् रचा था। उससे पहले ही हमारे संतों और संन्यासियों ने अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ प्रतिरोध का आंदोलन शुरू कर दिया था।
उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता केवल राजनीतिक मुक्ति नहीं थी, बल्कि यह आत्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की भी यात्रा थी। “हमारे पूर्वजों ने अपनी आस्था, संस्कृति और राष्ट्रभक्ति को एक सूत्र में बांधकर विदेशी शासन के खिलाफ जनजागरण किया। वंदे मातरम् ने इस आंदोलन को नई ऊर्जा दी।
विष्णु देव साय ने युवाओं से आग्रह किया कि वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम की जड़ों को समझें और उन संतों–महापुरुषों का स्मरण करें जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से देश की सेवा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी देश को एकता, आत्मबल और संस्कृति की उसी भावना से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिसने स्वतंत्रता संग्राम को एक जनआंदोलन में बदल दिया था। भारत की शक्ति उसकी संस्कृति में है, यही हमारी पहचान और हमारी प्रेरणा है।
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