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लेह हिंसा के बाद बढ़ा तनाव, स्कूल-कॉलेज बंद; हल निकालने के लिए केंद्र ने भेजा विशेष दूत, प्रतिनिधिमंडल दिल्ली रवाना

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लद्दाख में भड़की हिंसा के बाद माहौल बेहद तनावपूर्ण बना हुआ है। स्थिति को नियंत्रित करने और हल निकालने के लिए केंद्र सरकार ने लेह में एक विशेष दूत को भेजा है। इसी बीच, लेह और कारगिल से तीन-तीन प्रतिनिधियों का 6 सदस्यीय दल गुरुवार शाम दिल्ली के लिए रवाना हो गया। यह दल केंद्र सरकार के साथ सीधे बातचीत करेगा। लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के अध्यक्ष थुप्स्तान छेवांग ने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने बताया, “केंद्र से आए अधिकारी ने संकेत दिया है कि वे तुरंत वार्ता शुरू करने के लिए तैयार हैं। दिल्ली में हमारी बैठक होने की संभावना है।”

कर्फ्यू और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम

गुरुवार को लेह शहर और आसपास का माहौल भारी तनाव में रहा। पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने कर्फ्यू को कड़ाई से लागू किया। इससे पहले बुधवार को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची लागू करने की मांग पर हुए विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे। इस झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए। पुलिस ने अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। अधिकारियों का कहना है कि कर्फ्यू वाले इलाकों में स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण में है और फिलहाल कहीं से कोई नई घटना सामने नहीं आई है।

शिक्षा संस्थान दो दिन के लिए बंद


लेह के जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोनक ने हालात को देखते हुए शुक्रवार से अगले दो दिनों तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया। आंगनवाड़ी केंद्रों को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल रोकी

हिंसा के बढ़ने के बाद पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को अपनी पंद्रह दिनों से चल रही भूख हड़ताल बीच में ही रोकनी पड़ी। उन्होंने हिंसा की निंदा करते हुए कहा, “यह लद्दाख के लिए सबसे दुखद दिन है। पिछले पांच वर्षों से हम शांतिपूर्ण रास्ते पर चल रहे थे, लेकिन हिंसा ने हमारी मेहनत को नुकसान पहुंचाया है।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे तुरंत हिंसा छोड़कर शांतिपूर्ण आंदोलन की राह पर लौटें।

केंद्र ने वांगचुक को ठहराया जिम्मेदार

दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने अशांति के लिए सीधे तौर पर सोनम वांगचुक को जिम्मेदार बताया। गृह मंत्रालय का आरोप है कि उनके बयानों से भीड़ उकसी और हालात बिगड़े। मंत्रालय ने यह भी कहा कि विदेशी तत्वों की भूमिका की जांच की जा रही है, क्योंकि घायलों में तीन नेपाली नागरिक शामिल पाए गए। हालांकि, वांगचुक ने इन आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा कि यह उन्हें बलि का बकरा बनाने की रणनीति है। उनका कहना है कि सरकार असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है। उन्होंने साफ कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो वह जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत गिरफ्तारी देने के लिए भी तैयार हैं।

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