अगली ख़बर
Newszop

सीएम भजनलाल शर्मा का 8 महीने से अन्न त्याग, नवरात्रि में तपस्वी उपासना; अनुशासन और सेवा का अद्वितीय मिश्रण

Send Push

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा नवरात्रि के पावन अवसर पर न केवल व्रत कर रहे हैं, बल्कि पिछले आठ महीनों से उन्होंने अन्न का पूरी तरह से त्याग कर रखा है। इस दौरान वे दिनभर केवल नींबू पानी और नारियल पानी का सेवन करते हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि यह शक्ति और संयम मां दुर्गा की प्रेरणा और आशीर्वाद से संभव हो पाता है। उनके अनुसार, यह केवल धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि गहन साधना है, जो मानसिक एकाग्रता, आत्मबल और धैर्य प्रदान करती है। आम लोग व्रत में कभी-कभी फलाहार या हल्का भोजन कर लेते हैं, जबकि भजनलाल शर्मा का उपवास पूर्णत: संयम और साधना से जुड़ा है। वे इसे आत्म-अनुशासन का पर्व मानते हैं, जिसमें शरीर से अधिक मन और आत्मा की शुद्धि पर ध्यान केंद्रित होता है।

सादगी और स्वास्थ्य का मंत्र


मुख्यमंत्री ने अपने दैनिक आहार से अन्न को पूरी तरह हटा दिया है। वे केवल फल, उबली हुई सब्जियां, नींबू पानी, नारियल पानी, हल्की चाय और गाय के दूध का सेवन करते हैं। योग, ध्यान और नियमित वॉक उनकी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका मानना है कि संतुलित और स्वस्थ शरीर ही सेवा और प्रशासनिक कर्तव्यों में निरंतरता और ऊर्जा का आधार बनता है।

सेवा कार्यों में सक्रियता

नवरात्रि के दौरान भी मुख्यमंत्री ने अपने प्रशासनिक कर्तव्यों में कोई कमी नहीं आने दी। अब तक वे 42 से अधिक कार्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं, जिनमें उद्घाटन, शिलान्यास और परियोजनाओं का निरीक्षण शामिल है। लगभग 18 बार उन्होंने जयपुर से बाहर भी दौरे किए। यह दिखाता है कि उनका उपवास उनकी कार्यक्षमता में बाधा नहीं, बल्कि ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत बन गया है।



“व्रत: आत्म-अनुशासन का शस्त्र”

भजनलाल शर्मा का मानना है कि व्रत केवल भूख सहने का अभ्यास नहीं है, बल्कि मन और आत्मा की साधना है। यह आत्म-अनुशासन का शस्त्र है, जो जीवन और सेवा कार्य दोनों को संतुलित करने में मदद करता है। उनके अनुसार, सच्ची साधना और संयम से ही व्यक्ति अपने कर्तव्यों को निष्ठा और प्रभावशीलता के साथ निभा सकता है।

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें