VIDEO | AIMIM president Asaduddin Owaisi (@asadowaisi), in an exclusive interview by PTI CEO & Editor-in-Chief Vijay Joshi, says, “Muslims don't just want to be voters, but want to contribute to India's growth”.
— Press Trust of India (@PTI_News) May 18, 2025
"There is a difference. Our fight is to become a citizen and not a… pic.twitter.com/rvNh7dbUh7
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि देश के मुसलमान अब सिर्फ वोटर बनकर सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि वे भारत के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई केवल मतदाता बनने की नहीं, बल्कि अपने हक और सम्मान के साथ एक पूर्ण नागरिक के तौर पर पहचान बनाने की है।VIDEO | AIMIM chief Asaduddin Owaisi (@asadowaisi), in an exclusive interview conducted by PTI CEO & Editor-in-Chief Vijay Joshi, questions the Uttar Pradesh government on banning Namaz on roads. He asks, "What about the Kanwar Yatra? Every religion conducts its yatras on roads.… pic.twitter.com/SCHxsvZDW1
— Press Trust of India (@PTI_News) May 18, 2025
नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, “हम सिर्फ वोट डालने वाले नहीं बनना चाहते, हम चाहते हैं कि देश के नागरिक के रूप में हमें भी वह सम्मान मिले जो संविधान ने सुनिश्चित किया है।” उन्होंने यह भी कहा, “हमें अधिकार चाहिए, बराबरी चाहिए, और इसके लिए जो सत्ताधारी दल अब तक शासन करते आए हैं, वही जिम्मेदार हैं।”
सड़कों पर नमाज़ पर प्रतिबंध को लेकर टिप्पणी
उत्तर प्रदेश में सड़कों पर नमाज़ पर रोक लगाने के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने सवाल उठाया कि, “कांवड़ यात्रा क्या सड़क पर नहीं निकलती? हर धर्म के लोग अपनी धार्मिक यात्राएं सड़कों पर निकालते हैं, और उन पर फूल बरसाए जाते हैं। जब सभी को अनुमति है, तो मुसलमानों को इससे क्यों वंचित किया जा रहा है?”
कश्मीरी छात्रों पर हमलों की निंदा
पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अपनी राय देते हुए ओवैसी ने कहा, “कश्मीरी मुसलमानों ने इस हमले की खुलकर निंदा की है। यह समय सरकार के लिए एक बड़ा अवसर है कि वह न केवल आतंकवाद का जवाब दे, बल्कि कश्मीरियों को भी अपनाए।”
उन्होंने कहा कि सरकार को पाकिस्तान से तो कड़ाई से निपटना ही चाहिए, लेकिन साथ ही देश के अन्य हिस्सों में कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “उनके साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए और उन्हें उनके नागरिक अधिकार दिए जाने चाहिए।”