स्वतंत्रता दिवस 2025 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 103 मिनट का लंबा संबोधन देकर नया इतिहास रच दिया। यह लाल किले की प्राचीर से दिया गया अब तक का उनका सबसे विस्तृत भाषण है, जिसने पिछले सभी रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिए। यही नहीं, पीएम मोदी आजादी की वर्षगांठ पर लाल किले से सबसे अधिक बार तिरंगा फहराने वाले प्रधानमंत्रियों की सूची में भी दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इस मामले में पछाड़ दिया, जो 11 बार लगातार लाल किले से संबोधन दे चुकी थीं। इस बार मोदी ने अपनी 12वीं लगातार स्पीच के साथ यह उपलब्धि हासिल की। उनसे आगे सिर्फ पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं, जिन्होंने लगातार 17 बार यह अवसर प्राप्त किया था।
इंदिरा और नेहरू के पुराने कीर्तिमान पर नई दस्तक
इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक जीवन में कुल 16 बार लाल किले से झंडा फहराया और भाषण दिया था, जिनमें से 11 बार लगातार थीं। वहीं पंडित नेहरू ने न केवल स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में यह परंपरा शुरू की, बल्कि लगातार 17 बार ऐसा करने का गौरव भी हासिल किया। अब मोदी 12 लगातार संबोधनों के साथ सीधे दूसरे पायदान पर आ गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि कुछ ही समय पहले वे लगातार सबसे लंबे कार्यकाल वाले दूसरे प्रधानमंत्री भी बने थे, और इस मामले में भी इंदिरा गांधी को पीछे छोड़ चुके हैं।
भाषण में आरएसएस से लेकर आत्मनिर्भर भारत तक
भाषण के दौरान भगवा पगड़ी पहने पीएम मोदी ने विकसित भारत की परिकल्पना दोहराई। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्षों की खुले मंच से सराहना की — यह पहली बार था जब किसी प्रधानमंत्री ने लाल किले से आरएसएस के योगदान का ज़िक्र किया। साथ ही उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय किसानों, पशुपालकों और मछुआरों की सुरक्षा का आश्वासन दिया। अमेरिका के टैरिफ विवाद का बिना नाम लिए जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि किसानों के हितों पर कोई समझौता नहीं होगा और वे उनके लिए "चट्टान की तरह खड़े" हैं।
103 मिनट का नया रिकॉर्ड
मोदी का यह 103 मिनट का संबोधन उनके ही पिछले रिकॉर्ड से आगे निकल गया। 2024 में उन्होंने 98 मिनट तक बोला था, जो उस समय सबसे लंबा भाषण था। इससे पहले 2016 में उनका भाषण 96 मिनट का रहा था, जबकि 2017 में उन्होंने सबसे छोटा — सिर्फ 56 मिनट का संबोधन दिया। 2014 में अपने पहले स्वतंत्रता दिवस पर मोदी ने 65 मिनट तक जनता को संबोधित किया था, इसके बाद 2015 में 88 मिनट, 2018 में 83 मिनट और 2019 में करीब 92 मिनट तक उन्होंने बोलना जारी रखा।
पूर्व प्रधानमंत्रियों के छोटे संबोधन
इतिहास में सबसे छोटे स्वतंत्रता दिवस भाषणों का रिकॉर्ड भी दिलचस्प है। पंडित नेहरू (1954) और इंदिरा गांधी (1966) ने केवल 14 मिनट के भाषण दिए थे। डॉ. मनमोहन सिंह ने 2012 और 2013 में क्रमशः 32 और 35 मिनट तक बोले। वहीं अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में 25 मिनट और 2003 में 30 मिनट तक का संबोधन दिया। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि भाषण की अवधि चाहे लंबी हो या छोटी, लाल किले से दिए गए संदेश का ऐतिहासिक महत्व सदैव बना रहता है।
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