आज का भारत कई गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहा है। देश के लाखों लोग अब दिल की बीमारियों, डायबिटीज, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर जैसी मेटाबॉलिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। यह समस्या अचानक नहीं आई है, बल्कि इसकी जड़ें हमारी बदलती जीवनशैली और खाने की आदतों में छिपी हैं। पहले भारतीय जीवनशैली में हल्का-फुल्का खाना, घर का बना भोजन और नियमित फिजिकल एक्टिविटी आम थी, लेकिन आज यह बदलकर प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, सफेद चावल और गेहूं आधारित अधिक कार्ब्स वाली डाइट और बैठकर लंबे समय तक काम करने वाली लाइफस्टाइल में तब्दील हो गई है। ICMR के एक बड़े सर्वे ने इस चिंता को और स्पष्ट कर दिया है। इस अध्ययन के मुताबिक, भारत सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या से नहीं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों के चुपचाप फैलते संकट से जूझ रहा है।
सर्वे से चौंकाने वाले निष्कर्ष
ICMR की परियोजना India Diabetes के तहत 18,000 से अधिक लोगों की जांच की गई। परिणाम बेहद चिंताजनक थे। अध्ययन में पता चला कि 83% भारतीयों में कम से कम एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जैसे हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा या डायबिटीज। इसके अलावा, 41% लोगों में प्रीडायबिटीज, 26% लोग मोटापे के शिकार और 43% का वजन सामान्य से ज्यादा पाया गया। 50% लोगों में कोलेस्ट्रॉल असंतुलन की समस्या थी। यह अध्ययन बताता है कि ये बीमारियां अब सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि गांवों में भी फैल चुकी हैं। महिलाओं में तंबाकू या शराब का सेवन कम होता है, फिर भी उनमें मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता ज्यादा देखी गई। वहीं पुरुषों में हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल की समस्या आम हो गई है।
कार्बोहाइड्रेट अब बन गए हैं बड़ी चुनौती
हमारी डाइट में अब ऐसे भोजन शामिल हैं जो पेट भरते हैं, लेकिन शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। सफेद चावल, रिफाइंड गेहूं, अधिक चीनी और तला-भुना खाना इसका उदाहरण हैं। जो लोग ज्यादा कार्ब्स खाते हैं, उनमें डायबिटीज और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। सिर्फ सफेद चावल छोड़कर साबुत अनाज लेने से पर्याप्त फायदा नहीं होता, जब तक कि कुल कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम न हो। इस सर्वे की सबसे महत्वपूर्ण सीख यह है कि लोगों को अपने भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने की आवश्यकता है। अध्ययन के अनुसार, कार्ब्स की जगह प्रोटीन लेने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 9-11% तक घट जाता है, प्रीडायबिटीज का खतरा 6-18% तक कम होता है। बिना अतिरिक्त कैलोरी लिए सिर्फ प्रोटीन बढ़ाकर बेहतर स्वास्थ्य पाया जा सकता है।
कौन से हेल्दी ग्रेन्स और प्रोटीन स्रोत अपनाएं
रिपोर्ट के अनुसार, हमें खाने में अतिरिक्त कार्ब्स और खराब फैट को कम करना चाहिए। प्रोटीन युक्त भोजन अपनाना और नियमित फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाना जरूरी है।
- सफेद चावल और मैदे का सेवन कम करें।
- दिन में कम से कम एक बार दाल, अंडा, पनीर या प्रोटीन युक्त अन्य भोजन जरूर लें।
- दूध और दही जैसे डेयरी उत्पाद शामिल करें।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलना, योग या अन्य शारीरिक गतिविधि करें।
इन उपायों से न केवल वजन नियंत्रित रहेगा, बल्कि हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी बीमारियों का जोखिम भी कम होगा।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
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