नई दिल्ली, 6 मई . भारत के सर्विस सेक्टर का परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अप्रैल में बढ़कर 58.7 हो गया है, जो कि मार्च में 58.5 पर था. एचएसबीसी की रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई.
जब भी पीएमआई 50 के ऊपर होता है तो यह बढ़त को दर्शाता है. वहीं, 50 से नीचे का स्तर गिरावट का संकेत है.
एचएसबीसी इंडिया की ओर से बताया गया कि नए बिजनेस ऑर्डर के चलते सर्विसेज सेक्टर में सुधार हुआ है.
सर्वेक्षण में भाग लेने वाली कई कंपनियों ने बताया कि बाजार में मांग मजबूत बनी हुई है.
फाइनेंस और इंश्योरेंस सेक्टर ने वृद्धि को लीड किया और आउटपुट एवं नए ऑर्डर दोनों में बढ़त दर्ज की गई है.
सर्वेक्षण के मुताबिक, मार्च में आंशिक रूप से धीमापन आने के बाद निर्यात में रिकवरी देखने को मिली है. एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और यूनाइटेड स्टेट्स से नए निर्यात ऑर्डर जुलाई 2024 के बाद सबसे तेजी से बढ़े हैं.
बड़ी संख्या में निर्यात ऑर्डर आने से सर्विस प्रोवाइडर्स के मार्जिन में सुधार हुआ है.
एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि अप्रैल में सेवा गतिविधियों में तेजी आई, इसका कारण नए निर्यात ऑर्डरों में वृद्धि और बेहतर मूल्य निर्धारण शक्ति को जाता है.
वहीं, सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग का संयुक्त पीएमआई ( कंपोजिट पीएमआई) अप्रैल में बढ़कर 59.7 हो गया है, जो कि मार्च में 59.5 था.
अप्रैल में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में भी सुधार हुआ है यह बढ़कर 10 महीने के उच्चतम स्तर 58.2 पर पहुंच गया है, जो कि मार्च में 58.1 पर था.
सभी सेक्टरों की कंपनियों में कंज्यूमर गुड्स कंपनियों ने सबसे तेज वृद्धि दर्ज की. नए व्यवसाय में तेज वृद्धि के साथ उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है.
मार्च में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 3 प्रतिशत रहा है, जो कि फरवरी में छह महीने के न्यूनतम स्तर 2.72 पर पहुंच गया था.
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एबीएस/
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