Next Story
Newszop

अप्रैल-जून में भारत में ग्रामीण मांग मजबूत रही, आगे के लिए संभावनाएं आशावादी : रिपोर्ट

Send Push

New Delhi, 14 अगस्त . मुद्रास्फीति में कमी और अनुकूल मानसून ने इस वर्ष अप्रैल-जून की अवधि में भारत में ग्रामीण मांग को बढ़ावा दिया, जो एक बार फिर शहरी खपत से आगे निकल गई. एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

ग्लोबल रिसर्च फर्म नीलसनआईक्यू की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण बाजारों और छोटे निर्माताओं ने 2025 की दूसरी तिमाही में उपभोक्ता पैकेज्ड सामान के क्षेत्र को गति दी.

ग्रामीण बाजार शहरों की तुलना में दोगुनी तेजी से बढ़े. शहरी क्षेत्रों, खासकर छोटे शहरों में सुधार के संकेत दिखाई दिए.

रिपोर्ट के अनुसार, खरीदारों की बढ़ती पहुंच और खर्च में वृद्धि की वजह से ई-कॉमर्स में भी शानदार वृद्धि हुई.

होम एंड पर्सनल केयर (एचपीसी) की मात्रा में वृद्धि खाद्य श्रेणियों की तुलना में तेजी से बढ़ रही है और छोटे प्लेयर्स एफएमसीजी खपत की तुलना में तेजी से विस्तार कर रहे हैं.

नीलसनआईक्यू में एफएमसीजी कस्टमर सक्सेस के प्रमुख शारंग पंत ने कहा कि मुद्रास्फीति में कमी और अनुकूल मानसून पूर्वानुमान के साथ, उपभोग का दृष्टिकोण आशावादी बना हुआ है.

उन्होंने आगे कहा कि शहरी क्षेत्रों में, खासकर छोटे शहरों में, सुधार की गति बढ़ रही है, लेकिन ग्रामीण मांग मात्रा विस्तार की आधारशिला बनी हुई है.

2025 की दूसरी तिमाही में बिक्री में पिछले वर्ष की तुलना में मूल्य के हिसाब से 13.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछली तिमाही में 11 प्रतिशत थी.

2025 की पहली तिमाही में, भारतीय एफएमसीजी उद्योग ने सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की. खपत-आधारित मांग के कारण मात्रा में 5.1 प्रतिशत और कीमतों में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

नील्सनआईक्यू इंडिया के एफएमसीजी कस्टमर सक्सेस के एशिया-प्रशांत प्रमुख, रूजवेल्ट डिसूजा ने कहा, “दिलचस्प बात यह है कि कम आधार और बदलती बाजार गतिशीलता के कारण छोटे प्लेयर्स अधिक बढ़त हासिल कर रहे हैं, हालांकि उनकी दीर्घकालिक गति अभी देखी जानी बाकी है.”

आरबीआई के अनुसार, ग्रामीण मांग से समर्थित निजी खपत और सरकारी पूंजीगत व्यय में तेजी से समर्थित स्थिर निवेश, आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं.

पिछले सप्ताह एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “सामान्य से बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून, कम मुद्रास्फीति, बढ़ता क्षमता उपयोग और अनुकूल वित्तीय परिस्थितियां घरेलू आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रही हैं.”

एसकेटी/

Loving Newspoint? Download the app now