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अमेरिकी कृषि और डेयरी कंपनियों का उद्देश्य दुनिया के बाजारों पर नियंत्रण हासिल करना, भारत की स्थिति मजबूत

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New Delhi, 10 अगस्त . अमेरिका की ओर से भारत समेत दुनिया के अन्य देशों पर अनुचित टैरिफ लगाए जा रहे हैं और फिर ट्रेड डील की आड़ में वित्तीय रूप से शक्तिशाली अमेरिकी कृषि और डेयरी कंपनियों के लिए दुनिया के बाजारों को खुलवाया जा रहा है. ऐसा ही कुल यूएस ने भारत के साथ करने की कोशिश की. यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में दी गई.

अमेरिका से ट्रेड डील को लेकर भारत ने कहा कि हम किसी भी देश के द्वारा दी हुई डेडलाइन या दबाव में समझौता नहीं करेंगे. साथ ही कृषि क्षेत्र, किसानों और डेयरी से जुड़े लोगों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

सरकारी अधिकारियों ने कहा, “किसानों, डेयरी और एमएसएमई के साथ समझौता करने की कोई संभावना नहीं है, और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों के आयात की अनुमति देने की भी कोई संभावना नहीं है.”

फिलहाल कुछ प्रमुख अमेरिकी कृषि और डेली नीड्स की कंपनियां हैं जिनकी भारत में उपस्थिति हैं.

एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, कारगिल इंक दुनिया की सबसे बड़ी अनाज ट्रेडिंग और राजस्व के हिसाब से अमेरिका की सबसे बड़ी निजी कंपनी है, जो अनाज, पाम ऑयल, पशुधन चारा, स्टार्च, ग्लूकोज सिरप और अन्य कृषि वस्तुओं के उत्पादन, व्यापार, खरीद और वितरण में शामिल है.

रिपोर्ट में बताया गया है, “कारगिल, जिसकी 70 से अधिक देशों में उपस्थिति है और इसकी 60 से अधिक सहायक कंपनियां हैं, जिसमें 1,55,000 कर्मचारी कार्यरत हैं. यह कंपनी 1987 से भारत में खाद्य, सामग्री, कृषि समाधान और औद्योगिक उत्पादों के क्षेत्र में कार्यरत है, इसका वित्त वर्ष 24 के दौरान राजस्व 13,850 करोड़ रुपए था.”

आर्चर-डैनियल्स-मिडलैंड कंपनी (एडीएम) एक अमेरिकी खाद्य प्रसंस्करण और कमोडिटी ट्रेडिंग कंपनी है जो दुनिया भर में 270 से अधिक प्लांट और 420 फसल खरीद केंद्रों का संचालन करती है.

एडीएम तिलहन, मक्का, गेहूं, कोको और अन्य कृषि वस्तुओं का प्रसंस्करण करती है और कृषि सेवाएं एवं तिलहन, कार्बोहाइड्रेट सॉल्यूशंस, पोषण और पशु आहार जैसे क्षेत्रों में काम करती है. एडीएम कृषि भंडारण और परिवहन सेवाएं भी प्रदान करती है.

रिपोर्ट में कहा गया है, “2011 से भारत में इसकी उपस्थिति मुख्य रूप से तिलहन, खाद्य और पेय पदार्थों की सामग्री और पशु पोषण के क्षेत्र में है. वैश्विक स्तर पर इसके लगभग 38,000 कर्मचारी हैं, जो 200 देशों में कार्यरत है.”

बंज ग्लोबल एसए एक कृषि और खाद्य कंपनी है जो खाद्य सामग्री, खाद्य तेल, मिलिंग उत्पाद और उर्वरकों की खरीद, भंडारण, परिवहन और बिक्री करती है.

बंज 2001 से भारत में मौजूद है और वित्त वर्ष 25 के नौ महीनों के दौरान इसका राजस्व बढ़कर 8,900 करोड़ रुपए हो गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि टायसन फूड्स दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य कंपनियों में से एक है और मांस-आधारित उत्पादों की एक प्रमुख उत्पादक और वितरक है. भारत में, यह 2015 से गोदरेज समूह के साथ एक संयुक्त उद्यम (जेवी) के रूप में काम कर रही है.

एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, “अमेरिका के किसानों, पशुपालकों और सदस्य सहकारी समितियों के स्वामित्व वाली एक विविध वैश्विक कृषि व्यवसाय सहकारी संस्था, सीएचएस (सेनेक्स हार्वेस्ट स्टेट्स) खुदरा विक्रेताओं और किसानों को स्वस्थ, लाभदायक फसलें उगाने के लिए सशक्त बनाने हेतु नए फसल पोषण और फसल सुरक्षा उत्पाद प्रदान करती है. यह कंपनी लगभग 10,000 कर्मचारियों के साथ, यह 65 देशों में कार्यरत है.”

दूध उत्पादन कम होने के बावजूद, अमेरिका प्रसंस्कृत वस्तुओं का एक बड़ा बाजार बना हुआ है.

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2015 में, भारत का कुल दूध उत्पादन लगभग 155.5 मिलियन टन (यूरोपीय संघ 154.6 मीट्रिक टन और अमेरिका 94.6 मीट्रिक टन) था. 2024 तक भारत की हिस्सेदारी 36 प्रतिशत की बढ़कर 211.7 मीट्रिक टन हो गई, जबकि यूरोपीय संघ (ब्रिटेन सहित) की हिस्सेदारी बढ़कर 165.9 मीट्रिक टन और अमेरिका की 102.5 मीट्रिक टन हो गई है.

एबीएस/

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