चेन्नई, 18 सितंबर . रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) वेलिंगटन की कमान Thursday को लेफ्टिनेंट जनरल मनीष एरी ने संभाल ली.
उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम का स्थान लिया, जिन्होंने पिछले तीन सालों में इस प्रमुख त्रि-सेवा संस्थान में शैक्षणिक स्तर को बेहतर करने, संयुक्त प्रशिक्षण को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग को मजबूत करने में अहम योगदान दिया.
डीएसएससी की स्थापना 1905 में क्वेटा (अब Pakistan में) में हुई थी और 1947 में इसे तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के वेलिंगटन में शिफ्ट कर दिया गया. यह India का सबसे बड़ा त्रि-सेवा प्रशिक्षण केंद्र है, जो भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के चुने हुए अधिकारियों के साथ-साथ मित्र देशों के अधिकारियों को नेतृत्व, रणनीति, समन्वय और स्टाफ कार्यों की बारीकियां सिखाता है. हाल ही में अपने 77 साल के शानदार सफर को पूरा करने के बाद, यह कॉलेज भविष्य के सैन्य नेताओं को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
लेफ्टिनेंट जनरल मनीष एरी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं. उन्हें दिसंबर 1988 में 9वीं जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री में कमीशन मिला. वे डीएसएससी के भी पुराने छात्र हैं और अपने करियर में सभी पेशेवर कोर्स में शानदार प्रदर्शन किया है.
उनके पास भारतीय सेना में 37 साल का व्यापक अनुभव है. उन्होंने उत्तरी ग्लेशियर, पूर्वी लद्दाख के चुशुल में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बटालियन की कमान संभाली, माउंटेन स्ट्राइक कोर के तहत इन्फैंट्री ब्रिगेड का गठन किया, माउंटेन डिवीजन और गजराज कोर की कमान संभाली.
उनकी प्रमुख स्टाफ नियुक्तियों में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड में महानिरीक्षक (संचालन), दक्षिण पश्चिमी कमान में चीफ ऑफ स्टाफ और रक्षा मंत्रालय में सामरिक योजना महानिदेशक शामिल हैं. कमान संभालते वक्त लेफ्टिनेंट जनरल एरी ने डीएसएससी के असैन्य कर्मचारियों और स्थानीय लोगों का आभार जताया, जिन्होंने कॉलेज को सहयोग दिया.
उन्होंने वादा किया कि वे कॉलेज को व्यावसायिक सैन्य शिक्षा और संयुक्त कौशल के केंद्र के रूप में और मजबूत करेंगे.
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एसएचके/डीएससी
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