इंदौर, 23 सितंबर . Madhya Pradesh के इंदौर सेंट्रल कोतवाली थाना क्षेत्र के कोष्टी मोहल्ली में Tuesday को तीन मंजिला बिल्डिंग ढहने से दो की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल है. हादसे के समय बिल्डिंग में चार परिवार मौजूद थे. Police का कहना है कि जर्जर हो चुकी बिल्डिंग को खाली करने को कहा गया था, लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी और हादसा हो गया.
बिल्डिंग गिरते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई और आसपास के लोग मदद के लिए दौड़ पड़े. सूचना मिलते ही नगर निगम और Police की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान शुरू किया. हादसे में घायल लोग मुख्य रूप से फर्नीचर व्यापार से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं.
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने से बात करते हुए बताया कि घटना Tuesday सुबह हुई. राहत कार्यों की निगरानी की जा रही है. बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को घर खाली करने के लिए पहले कहा गया था. बिल्डिंग जर्जर हो चुकी थी.
हादसे के वक्त बिल्डिंग में करीब 14 से 15 लोग मौजूद थे. हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों की मदद से कई घायलों को मलबे से निकाला गया और एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया. नगर निगम की टीम ने भारी मशीनरी की मदद से मलबा हटाने का काम शुरू किया.
राजेश ने बताया कि करीब 8 से 10 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मलबे से 10 से 12 लोगों को घायल अवस्था में निकाला गया. इनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है. दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.
प्रशासन ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं. घायलों का इलाज एमवाय अस्पताल और अन्य निजी अस्पतालों में जारी है. फिलहाल Police और प्रशासन पूरे मामले की जांच में जुटा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद बिल्डिंग को खाली नहीं कराया गया था. हादसे के बाद से इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है. नगर निगम अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि घायलों को हरसंभव इलाज और राहत उपलब्ध कराई जाएगी. प्रशासन ने आसपास की पुरानी इमारतों का सर्वे करने और सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी कार्रवाई करने की बात कही है.
–
एसएके/वीसी
You may also like
हापुड़ के गांव GDA में शामिल करने का कोई तुक नहीं... खुद बोले गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग
उदयपुर में आज 24 सितम्बर को बिजली बंद, इन इलाकों पर असर
Rajasthan weather update: प्रदेश के छह जिलों के लिए जारी हुआ है बारिश का अलर्ट, तापमान में होगा इजाफा
आजम खान के सियासी भविष्य की अटकलों में कितना दम? सपा-अखिलेश को छोड़कर BSP के साथ फायदा या नुकसान, डिटेल रिपोर्ट
कुट्टू या सिंघाड़े का आटा: व्रत के दौरान क्या है बेहतर विकल्प?