नई दिल्ली, 29 मई . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल), आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल) और इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) को ‘मिनीरत्न श्रेणी-I’ का दर्जा देने की मंजूरी दी है.
रक्षा मंत्री ने इन तीनों रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (डिफेंस पीएसयू) को सरकारी संगठन से लाभकारी कॉरपोरेट इकाई में तेजी से बदलने के लिए बधाई दी. उन्होंने कंपनी के टर्नओवर में वृद्धि, स्वदेशीकरण को अधिकतम करने तथा अन्य प्रदर्शन मानकों को पूरा करने के लिए इनके प्रबंधन द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की.
इन तीनों डिफेंस पीएसयू को मिनीरत्न का दर्जा मिलने से उन्हें अधिक स्वायत्तता, नवाचार और विकास की दिशा में सशक्त बनाने में मदद मिलेगी.
म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) ने स्थापना के बाद से उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं. कंपनी की बिक्री वर्ष 2021-22 के 2,571.6 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में (अनंतिम) 8,282 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है. निर्यात के क्षेत्र में भी एमआईएल ने शानदार प्रगति की है. एमआईएल के प्रमुख उत्पादों में छोटे, मध्यम और उच्च कैलिबर के गोला-बारूद, मोर्टार, रॉकेट, हैंड ग्रेनेड आदि शामिल हैं, जिनका निर्माण इन-हाउस किया जाता है.
आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल) ने भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है. उसकी बिक्री 2,569.26 करोड़ रुपए (2021-22) से बढ़कर 4,986 करोड़ रुपए (2024-25) (अनंतिम) तक लगभग 190 प्रतिशत बढ़ी. एवीएनएल ने टी-72, टी-90 और बीएमपी-II प्लेटफॉर्म के लिए 100 प्रतिशत स्वदेशी इंजन निर्माण हासिल किया है. इसके प्रमुख उत्पादों में टैंक्स (टी-90, अर्जुन, बीएमपी-II सारथ), समर्थन वाहन और रक्षा मोबिलिटी समाधान शामिल हैं.
इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) ने भी पिछले तीन वर्षों में जबरदस्त प्रगति की है. कंपनी की बिक्री 562.12 करोड़ रुपए (2021-22) से बढ़कर 1,541.38 करोड़ रुपए (2024-25) (अनंतिम) हो गई है, जो 250 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है. आईओएल के मुख्य उत्पादों में ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और दृष्टि उपकरण शामिल हैं, जिनका उपयोग टी-90, टी-72, बीएमपी-II जैसे लड़ाकू प्लेटफार्मों और तोपों, नौसेना के हथियारों आदि में होता है.
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड को अधिक कुशलता और कार्यात्मक स्वायत्तता के लिए 1 अक्टूबर 2021 से सात रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों में परिवर्तित किया गया था. एमआईएल और एवीएनएल को ‘शेड्यूल ए पीएसयू’ जबकि आईओएल को ‘शेड्यूल बी’ डिफेंस पीएसयू के रूप में रक्षा उत्पादन विभाग के अंतर्गत रखा गया था.
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जीसीबी/पीएसके/एकेजे
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