लखनऊ, 21 अप्रैल . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि सेवा और त्याग भारत की पहचान है. भारत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक के साथ-साथ सेवा और त्याग की भूमि है.
उन्होंने कहा कि भारत में यात्राओं के माध्यम से सेवा की एक सुदीर्घ परंपरा रही है. एनएमओ के ध्येय मंत्र ‘न त्वहं कामये राज्यं न स्वर्गं नापुनर्भवम्. कामये दुःखताप्तानां प्राणिनाम् आर्तिनाशनम्’ के भाव से सुदूर क्षेत्रों में जाकर जिन चिकित्सकों ने सेवा कार्य किया है, उनके प्रति समाज को कृतज्ञ रहना चाहिए.
सरकार्यवाह सोमवार को गोमतीनगर विस्तार स्थित सीएमएस के सभागार में आयोजित गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा के कार्यकर्ता सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे. मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के साथ सीएम योगी ने भगवान श्री धन्वंतरी, भारत माता, गुरु गोरखनाथ और स्वामी विवेकानंद के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की.
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि केवल पैसे कमाने वाले चिकित्सक न बनें, सेवा करने वाले बनें. सेवा के लिए हृदय में तड़पन चाहिए. भारत की सभ्यता और संस्कृति में दैवीय भाव है. इसलिए सेवा में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए. हम प्राणिमात्र के कल्याण की बात करते हैं. तो एनएमओ और उससे जुड़े चिकित्सकों की साधना अत्यंत प्रशंसनीय है. यह यात्रा मेडिकल के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक है.
सरकार्यवाह ने कहा कि जनता, सामाजिक संगठन और सरकार जब मिलकर सेवा कार्य करते हैं, तो उसके अद्भुत परिणाम आते हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में यात्राओं की एक लंबी श्रृंखला रही है. आदि शंकराचार्य ने भी शंकर दिग्विजय यात्रा के माध्यम से भारत को सांस्कृतिक रूप से जोड़ा था. ऐसी धार्मिक यात्राएं केवल आस्था नहीं, बल्कि समाज को एकसूत्र में बांधने का माध्यम होती हैं.
उन्होंने कहा, उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम तक भारत आदिकाल से एक सांस्कृतिक इकाई रहा है और धार्मिक यात्राओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा सका. भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में भी ऐसी ही एकता को पुनः स्थापित करने का कार्य पांच साल पहले प्रारंभ हुआ.
कैंसर संस्थान के निदेशक डा. एमएलबी भट्ट ने कहा कि लखनऊ में टेली मेडिसिन सेंटर की स्थापना गुरु गोरखनाथ सेवा न्यास की ओर से की जाएगी. इसके अलावा अयोध्या में प्रतिवर्ष स्वास्थ्य मेला लगाया जाएगा.
नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन अवध एवं गोरक्ष प्रांत तथा श्री गुरु गोरखनाथ सेवा न्यास के संयुक्त तत्वावधान में भारत-नेपाल सीमा के वनवासी क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है. पांचवीं स्वास्थ्य सेवा यात्रा के दौरान 253 चिकित्सा शिविरों में 2,18,750 रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें नि:शुल्क दवाएं वितरित की गईं.
इसमें 58 चिकित्सा संस्थानों के 732 चिकित्सक और 707 मेडिकल के छात्रों ने सहयोग किया. गुरु गोरखनाथ यात्रा के प्रभारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गैस्ट्रो मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुमित रूंगटा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक कौशल की प्रेरणा से वर्ष 2019 में गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा प्रारंभ हुई थी. तब से प्रतिवर्ष भाऊराव देवरस सेवा न्यास और नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन (एनएमओ) के सहयोग से गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है.
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विकेटी/डीएससी
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