अगली ख़बर
Newszop

दीपावली पर स्वदेशी दीयों से जगमगाएगा जौनपुर, मुस्लिम महिलाएं दे रही हैं 'वोकल फॉर लोकल' को नई रोशनी

Send Push

जौनपुर, 13 अक्‍टूबर . दीपावली का पर्व नजदीक आते ही उत्तर प्रदेश के जौनपुर में ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाएं स्वदेशी दीपकों के निर्माण में जुट गई हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत मुस्लिम महिलाएं भी मोम से जलने वाले मिट्टी के तिरंगे दीये बना रही हैं.

इस वर्ष की दीपावली इसलिए भी खास है क्योंकि Prime Minister Narendra Modi ने देशवासियों से स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया है और ये महिलाएं उसी दिशा में अपना योगदान दे रही हैं.

जौनपुर की जफरून एजाज ‘मिल्की स्वयं सहायता समूह’ की प्रमुख हैं. इस समूह में 10 महिलाएं रिहाना, चांद तारा, नजबुन, सोफिया, जौहरी, इंदु बाला, बिशाखा, सुभावती और सीमा शामिल हैं. ये महिलाएं रोज सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक दीये तैयार करती हैं.

जफरून एजाज ने से बातचीत में बताया, “हम तीन साल से यह काम कर रहे हैं. इस बार दीपावली को ध्यान में रखते हुए लगभग 15 हजार से ज्यादा दीयों का ऑर्डर मिला है, सिर्फ जौनपुर से ही नहीं, Mumbai से भी मांग आई है.” उन्होंने कहा कि पहले साल सिर्फ 1000 दीये बनाए थे, लेकिन अब हर साल उत्पादन और आमदनी दोनों बढ़ रहे हैं. इस साल प्रति महिला लगभग 10 हजार रुपये की आय हो रही है.

जफरून ने बताया कि शुरुआत उन्होंने अपने बचत के पैसों से की थी, बाद में Government से 1 लाख 10 हजार रुपये की सहायता मिली. उन्‍होंने बताया, ‘हम मिट्टी के दीये दूसरे समूहों से खरीदते हैं, जिससे उन्हें भी कमाई होती है. यह पूरी तरह स्वदेशी उत्पाद है, इसमें कोई मशीनरी नहीं, सब कुछ गांव की महिलाओं के हाथों से बना है.’

जफरून ने गर्व से बताया कि उनके शौहर के एक दोस्त अमेरिका में रहते हैं और उन्होंने यह दीपक बहुत पसंद किया. वे 50 दीपक सैंपल के तौर पर अमेरिका ले गए हैं और इस बार की दीपावली वहीं पर मनाएंगे.

मोम से बना यह मिट्टी का दीया एक से डेढ़ घंटे तक जलता है. एक दीये की कीमत 15 रुपये है, जबकि 12 दीयों का पैक 150 रुपये में बेचा जाता है.

जफरून ने कहा, ‘Prime Minister मोदी ने स्वदेशी अपनाने की जो अपील की है, उसके लिए हम बहुत आभारी हैं. हम चाहते हैं कि अपने देश की बनी चीजें हमारे देश में ही इस्तेमाल हों, यही दीपावली की असली रोशनी है.’

एएसएच/वीसी

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें