Gold Rate: सोने की कीमत 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को छू चुकी थी, लेकिन फिर हालात ऐसे बने की सोना सस्ता होने लगा. सोने की कीमतों में बीते एक हफ्ते से बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. जो सोना 17 अक्टूबर को 1.30 लाख रुपये तक पहुंच गया था, अब वो सस्ता होकर 1.22 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है.गिरते सोने ने लोगों में उम्मीद जगा दी कि अभी ये और सस्ता हो सकता है. लोग इस इंतजार में है कि सोना थोड़ा और सस्ता हो जाए. उम्मीद तो ये तक की जा रही है कि अगर सोने की कीमत इसी तरह गिरती रही तो सोना नवंबर तक 1 लाख रुपये के नीचे पहुंच जाएगा. इन उम्मीदों पर अमेरिकी अरबपति निवेशक रे डालियो के दावों ने पानी फेर दिया है.
सोने की कीमत में बड़े उछाल की संभावना
अमेरिकी अरबपति निवेशक रे डालियो (Ray Dalio) ने चेतावनी दी है कि जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रूसी तेल पर प्रतिबंध और तेल कंपनियों को बैन कर तेल के सप्लाई चेन को प्रतिबंधित किया जा रहा है, सोने की कीमत में आने वाले दिनों में बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है. सोना फिर से चढ़ सकता है. रके डालियो की ओर से दी गई दलील के मुताबिक रूस पर लगाए गए अमेरिका के ताजा प्रतिबंधों से डॉलर की मजबूती खतरे में पड़ सकती है. डॉलर पर दवाब बढ़ने से सोने की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल सकता है
ट्रंप की मानमानी बढ़ाएगी सोने की परेशानी
डालियो ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जब किसी देश पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो इसका असर करेंसी पर होता है . उस देश की कागजी मुद्रा की मांग को घटती हैं. जिसके सोने की कीमत को बढ़ावा मिलता है. अमेरिका की ओर से रूस की दो तेल कंपनियों Rosneft और Lukoil पर लगाए जा रहे प्रतिबंध का मकसद आर्थिक दबाव को बढ़ाने का प्रयास है. इन प्रतिबंधों से वैश्विक तेल आपूर्ति पर असर होगा. तेल की सप्लाई पर असर दिखेगा. डालियो के दावे के मुताबिक जब कोई देश अपने ऋणों का भुगतान रोक देता है या उस पर प्रतिबंध लगा देता है, तो इससे उसकी मुद्रा और कर्ज दोनों कमजोर होते हैं. ये चिंता उस वक्त और गंभीर हो जाती है. जब बात दुनिया की रिजर्व करेंसी यानी अमेरिकी डॉलर की होती है. ऐसे स्थिति में सोने की होल्डिंग और कीमत बढ़ने लगती है. चूंकि सोना नॉन-फिएट करेंसी है, इस पर दवाब बढ़ जाता है और सोने की कीमत में बड़ा उछाल देखने को मिलने लगता है.
ट्रंप के फैसले से हिलेगा सोना
मौजूदा स्थिति में रूसी तेल पर जिस तरह से बैन लगाया जा रहा है, उससे सोने की स्थिति पर दवाब बढ़ सकता है. सोना फिर से महंगा हो सकता है. अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस महीने ब्याज दरों में कटौती करता है और डॉलर कमजोर होता है, तो सोना निवेश के लिए फिर से सबसे मजबूत विकल्प बन सकता है.जिस तरह से दुनियाभर के अलग-अलग देशों में युद्ध, जियो-पॉलिटिकल टेंशन, आर्थिक प्रतिबंध और अस्थिरता देखने को मिल रही है. आने वाले महीनों में गोल्ड को सेफ हेवन एसेट के रूप में और आकर्षक बना सकती है. जिसकी वजह से सोने की कीमत में फिर से बड़ी तेजी आ सकती है.
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