मां की ममता से ताकतवर कुछ नहीं होता। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अपने 15 महीने के बच्चे को बचाने के लिए एक मां बाघ से लड़ गई। बाघ के हमले से महिला बुरी तरह से जख्मी हो गई। यहां तक कि बाघ के नाखून उसके फेफड़े तक घुस गए, लेकिन मां ने हिम्मत नहीं हारी। वह करीब 20 मिनट तक बाघ से लड़ती रही और अपने बच्चे को उससे छुड़ा लिया। महिला को गंभीर हालत में अस्पताल मंे भर्ती कराया गया है।
मामला रोहनिया गांव का है। मानपुर बफर जोन से लगी ज्वालामुखी बस्ती में रहने वाले भोला चौधरी की पत्नी अर्चना रविवार सुबह लगभग 10 बजे अपने बेटे राजवीर को नजदीक की बाड़े में शौच के लिए ले गई थी। इसी दौरान झाड़ियों में छिपा बाघ लकड़ी. कांटे की फेंसिंग को फांदकर अंदर आया और बच्चे को अपने जबड़े में दबा लिया।
बेटे को बचाने अर्चना बाघ से भिड़ गई। इस दौरान बाघ के नाखून उसके फेफड़े तक घुस गए, लेकिन वो लड़ती रही। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । करीब 20 मिनट तक हुए इस संघर्ष का शोर सुन बस्ती के लोग लाठियां लेकर पहुंचे तो बाघ जंगल की ओर भाग गया। दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया।
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